
Bhopal News: भोपाल(नवदुनिया प्रतिनिधि)। बिजली के बढ़ते खर्च से जूझ रहा नगर निगम जल्द ही बिद्युत उत्पादन को लेकर आत्म निर्भर बनने जा रहा है। इसके लिए नीमच में 21 मेगावाट का सौर और 15 मेगावाट के वपन ऊर्जा संयंत्र की स्थापना की जाएगी। दोनों ही परियोजनाओं में 176 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे हर वर्ष नगर निगम को 6.97 करोड़ यूनिट बिजली रियायती दरों पर मिलेगी, जिससे सालाना 14 करोड़ रुपये की बचत होगी। इसके लिए नीमच में सौर और पवन ऊर्जा संयंत्र संयंत्र की स्थापना कर ली गई है। 31 मार्च से पहले इनसे बिजली का उत्पादन शुरु हो जाएगा।
महापौर मालती राय ने बताया कि नगर निगम हर महीने 12 करोड़ रुपए का बिजली बिल चुकाते हैं। इससे बचने के लिए नीमच में 21 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना की गई है। परियोजना में 76 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें नगर निगम ने 28 करोड़ रुपए दिए हैं। बाकी, राशि बिडर कंपनी देगी। सौर ऊर्जा संयंत्र से प्रतिवर्ष 3.67 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादन होगी। अनुबंध के अनुसार 25 वर्ष तक 3 रुपए 47 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से ही बिजली मिलेगी। इससे नगर निगम को 2 रुपए 20 पैसे का लाभ मिलेगा। 8 करोड़ रुपए की वार्षिक बचत होगी। वहीं विंड एनर्जी प्रोजेक्ट 15 मेगावाट का है। इसकी लागत 100 करोड़ रुपए होगी, जिसमें निगम 30 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा। बाकी, 70 करोड़ रुपए की राशि कंपनी लगाएगी। इसमें 25 साल में 4 रुपए 24 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली मिलेगी। इस तरह की देश में पहली परियोजना है।
नीमच में निगम को मिली 83 एकड़ जमीन
नगर निगम भोपाल वैकल्पिक ऊर्जा का इस्तेमाल करने वाला देश का पहला नगरीय निकाय होगा। इसका काम क्लासकान इंफ्राटेक प्राईवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। महापौर ने बताया कि सोलर और विंड एनर्जी प्रोजेक्ट लगाने के लिए नगर निगम ने नीमच के रामपुरा में 83 एकड़ जमीन कंपनी को उपलब्ध कराई है। जिसका मालिकाना हक नगर निगम के पास है। साथ ही दोनों प्लांट निगम के नाम से ही लगाए गए हैं।
15 वर्षों में निगम चुकाएगा कर्ज की राशि
निगम के बिजली कनेक्शनों में विंड और सौलर प्लांट से उत्पादित होने वाली बिजली के उपयोग के लिए बिजली कंपनी से ओपन एक्सिस की परमिशन ले ली गई है। इसके लिए ट्रांसमिशन एवं व्हीलिंग चार्जेस का भुगतान निगम करेगा। दोनों प्रोजेक्ट के लिए निगम बैंक से लोन लेगा। 15 साल में यह राशि चुकाई जाएगी। अगले 25 साल तक समान रेट से बिजली उपलब्ध रहेगी। इस दौरान बिजली के दाम बढ़ने का इस पर कोई असर नहीं रहेगा। बता दें कि इन दोनों परियोजनाओं के शुरु होने से निगम के कुल खपत की 60 फीसदी बिजली मिल जाएगी।