भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। निर्माणाधीन कोलार रोड में उड़ती धूल से बढ़ते प्रदूषण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल गंभीर है। राहगीरों को राहत देने के लिए निर्माण एजेंसी को सड़क पर निरंतर पानी का छिड़काव करने के आदेश दिए हैं। इसके बावजूद लोक निर्माण विभाग के अधिकारी इसका पालन नहीं कर रहे हैं। नतीजन इस रोड से निकलने वाले लोगों का धूल के प्रदूषण से दम घुट रहा है। वहीं वैकल्पिक मार्ग नहीं होने से ट्रैफिक जाम तो होता ही है, सड़क दुर्घटनाओं का डर भी बना रहता है।
एक्यूआइ खतरनाक स्तर पर
बता दें कि कोलार गेस्ट हाउस से कजलीखेड़ा के कालापानी तक 222 करोड़ रुपये से 15.10 किलोमीटर सिक्सलेन सड़क बनाई जा रही है। लेकिन इसमें पानी का छिड़काव नहीं होने से आसपास के क्षेत्रों की वायु गुणवत्ता खराब हो रही है। हालत यह है कि यहां एक्यूआइ का स्तर 400 के पार पहुंच गया है। जो खतरनाक श्रेणी में आता है। ऐसी सड़क से प्रतिदिन निकलने वाले राहगीरों को गंभीर बीमारियों का खतरा होता है। इसी को देखते हुए एनजीटी ने निर्माण एजेंसी पीडब्ल्यूडी को निर्माणाधीन सड़क पर निरंतर पानी का छिडकाव करने के आदेश दिया था। साथ ही वायु गुणवत्ता की निगरानी के निर्देश दिए थे। लेकिन जिम्मेदार न तो पानी का छिड़काव कर रहे और न ही वायु गुणवत्ता की निगरानी हो रही है।
देरी के कारण बढ़ी लागत
इस सड़क का निर्माण 11 महीने में करने का दावा अधिकारियों ने किया था। ऐसे में दिसंबर 2023 तक समयसीमा निर्धारित की गई थी। लेकिन अभी भी सात किलोमीटर सड़क का निर्माण अधूरा है। वहीं पहले जो सड़क 222 करोड़ रुपये से बननी थी, देरी के कारण उसकी लागत 300 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी लापरवाह
एनजीटी ने सड़क निर्माण के दौरान हो रहे प्रदूषण को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की एक समिति बनाई है। साथ ही सड़क का निरंतर निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। वहीं निर्माण एजेंसी द्वारा धूल को रोकने के निए यदि कोई प्रभावी कार्रवाई निर्माण एजेंसी न करे, तो इनसे खिलाफ कार्रवाई का अधिकार भी पीसीबी को दिया गया है। लेकिन पीसीबी के अधिकारी सड़क की निगरानी में लापरवाही बरत रहे हैं।
इनका कहना
निर्माणाधीन सड़क की वजह से राहगीरों को बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। इससे एलर्जी, गले में खराब व श्वास संबंधी बीमारियां हो रही हैं। सबसे अधिक परेशानी बच्चों और बुजुर्गों को हो रही है।
- आशा जैन, रहवासी कान्हा कुंज
कोलार रोड में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर हमने एनजीटी में याचिका लगाई है। जिसके बाद प्रदूषण कम करने के लिए आवश्यक निर्देशों का पालन करने के निर्देश एनजीटी ने निर्माण एजेंसी को दी है।
- नितिन सक्सेना, याचिकाकर्ता
एनजीटी के आदेश का पालन करने के लिए निर्माण एजेंसी को पत्र लिखा है। साथ ही वाटर फागर का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं। फिर भी एजेंसी आदेश को नहीं मानती, तो कार्रवाई होगी।
- ब्रजेश शर्मा, सदस्य पीसीबी
ठेकेदार को निरंतर पानी का छिड़काव करने को कहा है, जिससे राहगीरों को परेशानी नहीं हो। सड़क का काम पहले की अपेक्षा बढ़ गया है। इसलिए समयसीमा और लागत भी बढ़ गई है।
- अवनींद्र सिंह, ईई पीडब्ल्यूडी