Bhopal News: निजी स्कूल संचालकों ने लोक शिक्षण संचालनालय परिसर में किया प्रदर्शन
निजी स्कूल संचालक पांच साल मान्यता नवीनीकरण और कोरोना काल में टैक्स व बिल भुगतान में राहत समेत अन्य मांगें कर रहे हैं।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Thu, 02 Sep 2021 04:33:53 PM (IST)
Updated Date: Thu, 02 Sep 2021 04:33:53 PM (IST)

भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन की ओर से गुरुवार को लोक शिक्षण संचालनालय परिसर के अंदर धरना-प्रदर्शन किया। स्कूल संचालकों का कहना है कि लोक शिक्षण के अधिकारियों को अपनी समस्याओं से पहले भी अवगत कराया गया था। आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा समस्याओं के सभी बिंदुओं पर चर्चा कर जल्द समाधान का आश्वासन दिया गया। लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया। स्कूलों की समस्याएं जैसे की तैसी हैं कोई समाधान नहीं किया गया। संचालकों को गुमराह किया गया। इसे लेकर मध्य प्रदेश के सभी जिलों के संचालक अपनी-अपनी समस्याओं के समाधान के लिए क्रमबद्ध तरीके से जिलेवार आयुक्त लोक शिक्षण कार्यालय में पहुंच कर प्रदर्शन करेंगे समस्याओं के निराकरण की मांग रखेंगे। प्राइवेट स्कूल संचालक टूट चुके है शासन के तानाशाही रवैया से परेशान होकर यह निर्णय लिया गया है। अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो गुरुवार से अनिश्चितकालीन आंदोलन एवं प्रदर्शन किया जाएगा। इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है। प्रदेश के सभी जिलों से संचालक चरणबद्ध तरीके से निर्धारित तिथि पर निश्चित जिले के लोग अपने अपने जिले के साथियों के साथ घेराव एवं प्रदर्शन आयुक्त लोक शिक्षण संचनालय भोपाल में आकर करेंगे ।
एसोसिएशन की ये हैं मांगें
- स्कूलों को मान्यता कक्षा पहली से बारहवीं तक नवीनीकरण कर दिया जाए। कक्षा नौवीं से 12वीं तक की मान्यता विगत दो वर्षों में जिस प्रकार की गई है, उसी प्रकार वर्ष 2024 तक मान्यता नवीनीकरण कर दिया जाए। प्रदेश के सभी विद्यालयों ने नवीनीकरण का आवेदन कर दिया है।
- आरटीई का भुगतान विगत कई वर्षों से उलझा पड़ा है। आयुक्त राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा आश्वासन दिया गया था कि अगस्त के प्रथम सप्ताह में भुगतान कर दिया जाएगा। सितंबर आ गया, लेकिन अब तक भुगतान नहीं हो पाया।
- माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्य प्रदेश से मान्यता प्राप्त स्कूलों की आर्थिक स्थिति खराब है, कृपया विद्यालयों को आर्थिक मदद दी जाए।
- कोरोना कॉल में विद्यालयों पर लगने वाला टैक्स एवं बिजली का बिल माफ कर दिया जाए।
- शासकीय विद्यालयों में बिना टीसी प्रवेश दिए जा रहे हैं। क्षमता से अधिक प्रवेश हो गए हैं। इन विद्यालयों में शिक्षक आज भी नहीं है। बिना टीसी प्रवेश ना किया जाए।