Bhopal News: बावड़ियाकलां जिनालय में मुनि अजित सागर महाराज का रजतमयी दीक्षा महोत्सव संपन्न, उमड़े श्रद्धालु
बावड़ियाकलां के नए जिनालय में भगवान वासुपूज्य सहित 17 प्रतिमाएं विराजित करने आईं। दो हाथी भी बुलाए गए।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Fri, 28 Apr 2023 07:31:53 AM (IST)
Updated Date: Fri, 28 Apr 2023 07:31:53 AM (IST)

भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। शहर के बावड़ियाकलां में स्थित श्री वासुपूज्य जैन मंदिर में पंच कल्याणक महोत्सव आचार्यश्री विद्या सागर महाराज के शिष्यों के सान्निध्य में चल रहा है। मूलनायक भगवान वासुपूज्य स्वामी का अभिषेक विशेष शांतिधारा के साथ धार्मिक अनुष्ठान शुरू हुए। गुरुवार को मुनि अजित सागर महाराज का 25वां रजतमयी दीक्षा महोत्सव श्रद्धा, भक्ति भाव के साथ मनाया गया। इसमें बावडियाकलां जिनालय पाठशाला की बालिकाओं द्वारा मेरी शान णमोकार, मेरी आन जिन शासन करूं वंदन बारंबर पंक्तियों के साथ मंगलाचरण में भक्ति नृत्य प्रस्तुत किया गया। आचार्य विद्या सागर महाराज के अनंत गुणों की वंदना की गई। पंच कल्याण महोत्सव समिति और विभिन्न मंदिर समितियों की महिला मंडल के पदाधिकारियों द्वारा अर्घ्य समर्पित किए गए। कार्यक्रम में राजधानी के साथ इंदौर, जबलपुर, आगरा, दिल्ली, मुरैना ग्वालियर आष्टा, विदिशा, बैरसिया, मंडीदीप सहित अन्य शहरों के श्रद्धालु शामिल हुए।
इस आयोजन के दौरान आचार्य विद्या सागर महाराज द्वारा लिखित 25 कृतियां एवं मुनि अजित सागर महाराज द्वारा लिखित ज्ञानोदय सार का विमोचन किया गया। इस मौके पर महापौर मालती राय, पूर्व सांसद आलोक संजर और कर्मचारी नेता अजय श्रीवास्तव ‘नीलू’ एवं बावडियाकलां मंदिर समिति के पदाधिकारी शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान समाज में जीव दया व करूणा, चिकित्सा, शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में काम करने वाले समाज के लोगों का सम्मान भी किया गया। कार्यक्रम में मुनि निरूपम सागर महाराज ने कहा कि स्वयं को आत्म संयम के मार्ग पर लगाते हुए अहिंसा, दया, करुणा के उद्देश्य पर चलना और परम् दिगंबर मुद्रा को धारण करने का नाम दीक्षा है। आत्मशक्ति को अभिव्यक्त कर संसारिक चकाचौंध से दूर होकर आत्म चेतना को उद्घाटित करना दीक्षा का उद्देश्य है।
बावड़ियाकला नए जिनालय में विराजित होंगी भगवान की 17 प्रतिमाएं, दो हाथी आए
बावड़ियाकलां में नया जिनालय बनकर तैयार हो गया है। पंच कल्याणक महोत्सव के लिए भगवान वासुपूज्य सहित अन्य भगवान की 17 प्रतिमाएं विराजित करने के लिए आईं हैं। महोत्सव के लिए दो हाथी भी बुलवाए गए हैं। तीन अप्रैल तक चलने वाले धार्मिक अनुष्ठान में शोभायात्रा निकलेगी। विधि-विधान से भगवान की प्रतिमाएं विराजित की जाएंगी।