भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। समय: दोपहर 12.30। स्थान वार्ड क्रमांक 56 बरखेड़ा पठानी क्षेत्र में आने वाला शांति नगर। दो बुजुर्ग अपने परिवार समेत यहां चोक नाली की सफाई करते हुए दिखाई दिए। पहले तो अपने हाथों से ही नाली में जमा मलवा हटाया। फिर बोल्डरों से नालियों को व्यवस्था करने की शुरुआत की। नगर निगम के हिस्से का काम कर रहे लोगों से ऐसा करने का सवाल किया तो काम वृद्धा राम रति गुस्से में तेज आवाज में बोली कि नगर निगम कुछ नहीं करता। सालों से सड़क तक बनवा नहीं पाए। अधिकारियों और नेताओं के सामने हाथ जोड़-जोड़ थक गए। सहन शक्ति की भी एक हद होती है।
वार्ड क्रमांक 56 में अधिकांश लोगों में विकास कार्यों को लेकर ऐसा ही आक्रोश बुधवार को दिखाई दिया। दरअसल, 'नवदुनिया आपके द्वार" अभियान के तहत लोगों ने समस्याओं को साझा किया। इस क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं में शामिल दो समस्या सबसे बड़ी मिली। पहला सड़क तो दूसरा नालियों की दुर्दशा। वार्डवासियों ने बताया कि इन दोनों ही समस्याओं से सालों से काम नहीं हुआ। नवदुनिया ने पाया कि बरखेड़ा पठानी क्षेत्र व ग्रामीण क्षेत्रों के हालातों में कोई अंतर ही नहीं है। आश्चर्य की बात तो यह है कि इस वार्ड में अलग-अलग मदों से बीते पांच सालों में करीब 10 रुपये रुपये की लागत से विकास कार्यों की लंबी सूची भी है।
10 सालों से बदहाल सड़कों का सुधार नहीं, सीएम हेल्पलाइन में दर्जनों शिकायत
बरखेड़ा पठानी चौराहा से लहारपुर जाने वाली सड़क की स्थिति बेहद खराब है। जबकि यह इस क्षेत्र की मुख्य सड़क है। गड्ढों में तब्दील हो चुकी सड़कों के सुधार के लिए कई बार विरोध से लेकर ज्ञापन तक की कवायद रहवासियों ने की। इसके बाद भी इसका सुधार कार्य नहीं हो सका। अब सड़क सुधार के लिए सीएम हेल्पलाइन, जनप्रतिनधियों व निगम मुख्यालय तक दर्जनों शिकायतें दर्ज करा चुके मनोज सिंह राजपुत ने बताया कि शांति नगर होते हुए लहारपुर जाने वाली सड़कों के गड्ढे तक कई बार लोगों ने भरे हैं। बीते दिनों सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायत के निराकरण में नगर निगम ने 43 लाख रुपये खर्च होने की बात कही थी। तंगहाली के चलते न तो सड़क बनी और शिकायत भी बंद कर दी गई।
खुली व गंदी नालियां, सड़कों पर बहता सीवेज
वार्डवासियों ने बताया कि क्षेत्र में नालियों को ढकने के लिए लोगों ने फर्शी बिछाई थीं। नगर निगम ने दो साल पहले निकासी में बाधा बताते हुए इन्हें हटाने का अभियान चलाया था। इसके बाद वादा किया कि इन्हें पक्का कर व्यवस्थित किया जाएगा। यह काम अब तक नहीं हुआ। लिहाजा पूरे क्षेत्र में ही गंदा पानी सड़कों पर बहता है। बदबू के कारण लोगों का रहना तक दूभर है।
गंदगी से भरा हुआ वार्ड
नाले-नालियों को देखकर ऐसा लगता है कि मानों सालों से यहां सफाई नहीं की गई हो। इसके अलावा पूरे ही क्षेत्र में गंदगी का अंबार दिखाई देता है। खुल पड़े हुए वार्ड में सावर्जनिक क्षेत्रों में तो सफाई ही नहीं की गई।
अंदरूनी क्षेत्रों में नहीं आते कचरा वाहन
सड़कों के किनारे घरों व दुकानों से तो रोजोना कचरा वाहन कलेक्शन के लिए आते हैं, लेकिन अंदरूनी क्षेत्रों में हालात खराब हैं। कई बार शिकायतों के बाद भी कचरा वाहन जिंद वाले बाबा की गली, शंकर नगर, शांति नगर, श्याम नगर, नरेंद्र नगर में कचरा वाहन अंदरूनी क्षेत्रों में नहीं आते।
उड़ती धूल से लोग परेशान, जरा सी बारिश में कीचड़
रहवासी बताते हैं बारिश के समय तो क्षेत्र में चल पाना मुश्किल हो जाता है। गड्ढे कीचड़ से भरे होते हैं। बाकि समय उड़ती धूल लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी रहती है।
आवारा मवेशी व सुअरों की भरमार
वैसे तो नगर निगम आवास पशुओं को लेकर कार्रवाई करता है, लेकिन इस क्षेत्र में आवारा पशुओं से संबंधित कार्रवाई नहीं की गई। सड़कों पर इनका कब्जा होता है। आए दिन यह हादसों का कारण बनते हैं। गंदगी के कारण यहां सुअरों की भरमार है।
अधिकांश स्ट्रीट लाइट बंद, सुधार भी नहीं
क्षेत्र में 50 लाख रुपये की लागत से स्ट्रीट लाइट लगाने का काम किया गया, लेकिन इसमें से अधिकांश जलती ही नहीं है। ऐसे में लोगों को खासी परेशानियों का सामना करा होता है। शिकायतें भी कीं गई पर सुधार नहीं किया गया।
स्लम एरिया के नहीं सुधरे हालात
इस वार्ड में स्लम एरिया भी पड़ता है। नगर निगम इन क्षेत्रों में विशेष सुविधाओं का दावा करता है। वार्ड के तहत आने वाले स्लम एरिया में सुधार नहीं हुआ। गंदगी से लेकर मूलभूत सुविधाएं तक नहीं है। लोगों के जीवन स्तर सुधार के लिए योजनाओं के तहत काम नहीं किया गया।
फॉगिंग में भी मनमानी
एक तो गंदी के कारण क्षेत्र में मच्छर की भरमार है। तो दूसरी ओर इनके निदान के लिए यहां फॉगिंग भी नहीं कराई जाती। वार्डवासियों ने बताया कि शिकायतों के बाद भी नगर निगम द्वारा फॉगिंग नहीं की जाती। जबकि यहां मलेरिया व डेंगू के मरीजों की संख्या कम नहीं है।
क्या रहते हैं वार्डवासी
बरखेड़ा पठानी की सड़क सबसे बड़ी समस्या है। यह मुख्य सड़क है जो सालों से खस्ता है। जरा सी बारिश में यहां पानी भर जाता है। कीचड़ के कारण कई दिक्कतें होती हैं।
ओमकार कुशवाहा, वार्डवासी।
-गंदगी की बड़ी समस्या है। सफाई व्यवस्था नगर निगम की ध्वस्त हो चुकी है। बाजार से लेकर रहवासी क्षेत्रों में गंदगी का अंबार दिखाई देता है।
अजय पाल, वार्डवासी।
- इससे बड़ी बात क्या होगी कि हमे ही नालियों की सफाई और सुधार करना पड़ रहा है। कितनी बार शिकायतें करें? अधिकारियोें ने अब तक ध्यान नहीं दिया।
राम रति, वार्डवासी।
-नगर निगम से लेकर जनप्रतिनिधियों तक नालियोें के निर्माण की मांग कर चुके हैं। आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। पूरा गंदा पानी सड़कों पर बहता है।
प्रहलाद सिंह, वार्डवासी।
-बरखेड़ा से लहारपुर जाने वाली सड़क 10 सालों के खराब पड़ी है। सुधार कार्य भी नहीं कराया गया। सीएम हेल्पलाइन तक में सुनवाई नहीं होती।
मनोज सिंह राजपूत, वार्डवासी।
-वार्ड में कही भी जाए सड़कों की स्थिति खराब ही मिलेगी। विकास के नाम पर कुछ नहीं किया। यहां से गुजर पाना भी मुश्किल होता है। इस पर ध्यान देना चाहिए।
आदिल मंसूरी, वार्डवासी।
-आसपास का बड़ा क्षेत्र के रहवासी सब्जी खरीदी आदि के लिए बरखेड़ा ही आते हैं। यहां व्यवस्थित बाजार नहीं है। ऐसे में ठेले वालों और लोगों को कई परेशानियां का सामना करना पड़ता है।
डॉ. आयुषि रेकल, खरीदार।
-नगर निगम ने नालियों को ढकने के लिए फर्शी तक निकाल दी। इसके लिए अभियान चलाया। अब यह खुली हुई हैं। सड़कों पर गंदा पानी बहता है।
मो. आरिफ, वार्डवासी।
-कचरा वाहन भी मनमार्जी से आते हैं। कभी आए तो कभी नहीं आए। ऐसे कर रहा है नगर निगम इस वार्ड में सफाई। शिकायतों पर कार्रवाई नहीं की गई।
आशीष साहू, वार्डवासी।
-आवारा मवेशियोें का जमावड़ा पूरे क्षेत्र में देखा जा सकता है। इसके कारण कई बार हादसे भी हुए। इसके बाद भी यहां सुधार नहीं किया गया।
रंजीत मालवीय, वार्डवासी।
-नेताओं से लेकर हर स्तर पर सड़क निर्माण या सुधार के लिए शिकायत कर थक चुके हैं। गड्ढों को रहवासियों ने मलवा डाल भरा। निगम के अधिकारी सुनते ही नहीं।
गोविंद चौकसे, वार्डवासी।
-शहर के अंदरूनी इलाकों में कचरा वाहन नहीं पहुंचते। लिहाजा घरों में ही कचरा पड़ा रहता है या लोग मजबूरी में इसे अन्य स्थानोंे पर फेंक देते हैं।
हरिनारायण माहेश्वरी, वार्डवासी।
-वार्ड कई खुले हुए क्षेत्र में हैं। यहां गंदगी का अंबार लगा रहता है। नगर निगम द्वारा सफाई ही नहीं कराई जाती। ऐसा लगता है कि गांव में रह रहे हो।
शुभम साहू, वार्डवासी।
-क्षेत्र में कई समस्याएं हैं। इनका निराकरण तक नहीं किया गया। जनप्रतिनिधि चुनाव जीतने के बाद वार्ड में आए तक नहीं। मूलभूत सुविधाएं तक नहीं।
द्वारिका पटेल, वार्डवासी।
-बजरंग मार्केट में सफाई की व्यवस्था खराब है। व्याापारियों को खासा परेशान होना पड़ता है। नालियों तक चोक हो चुकी हैं। बाजारों की स्थिति खराब है।
नरेद्र परोलिया, व्यापारी।
-अधिकांश क्षेत्रों में खंबे तो लगाए गए पर बंद पड़ी लाइटों का सुधार कार्य नहीं किया गया। अंधेरे में भी कई लोगों को गुजर बसर करना पड़ रहा है।
शंभू सिंह नामदेव, वार्डवासी।
-नगर निगम और बीएचईएल के बीच विवाद का खामियां व्यापारियों को भुगतना पड़ता है। सालों हो गए निराकरण के लिए बात करते-करते।
प्रमोद कुमार, व्यापारी।
-सड़क किनारे बाजार भर जाता है। जाम की समस्या होती है। इन व्याापारियों के लिए व्यवस्था नगर निगम को करनी चाहिए। इस पर आज तक पहल नहीं हुई।
अजय मालवीय, वार्डवासी।
-नगर निगम को ही नहीं बल्कि बीएचईएल को भी व्यवस्थाएं सुधारनी चाहिए। यह जरूरी है। बीएचईएल किराया लेते है तो निगम टैक्स। सुविधा कुछ नहीं।
परसोमी कुमार मिश्रा, व्यापारी।
-हमारा इस क्षेत्र से रोज गुजरना होता है। गड्ढों में तब्दील हो चुकी सड़क के कारण कई बार गिरते-गिरते तक बचे। इनका सुधार कार्य होना चाहिए।
डॉ.विंध्यवासिनी पारवे,राहगीर।