Bhopal News: जेपी अस्पताल में चार सौ से अधिक औषधीय प्रजातियों के रोपेंगे पौधे, हरेक पर होगा क्यूआर कोड, मिलेगी गुणों की जानकारी
स्वास्थ्य विभाग ने कायाकल्प अभियान के तहत गार्डन विकसित करने के दिए निर्देश। प्रदेश के हर जिला अस्पताल में तैयार किया जाएगा बाटेनिकल गार्डन।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Fri, 01 Dec 2023 11:17:45 AM (IST)
Updated Date: Fri, 01 Dec 2023 11:17:45 AM (IST)
HighLights
- अस्पताल प्रबंधन ने सभी चिकित्सकों से अस्पताल को पौधा भेंट करने के लिए कहा है।
- बाहरी लोगों से भी पौधे किए आमंत्रित।
- कुछ जिला अस्पतालों में शुरु हुई व्यवस्था।
भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। प्रदेश में पर्यावरण को बचाने के लिए अब शासकीय अस्पतालों में बड़े स्तर पर बाटनिकल गार्डन को तैयार कराया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग आगे आया है। प्रदेश के सभी अस्पतालों को इसके लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसी क्रम में राजधानी के जेपी अस्पताल में इसे लेकर तैयारियां बड़े स्तर पर शुरू कर दी गई हैं। अस्पताल प्रबंधन ने उनके यहां काम करने वाले सभी चिकित्सकों से अस्पताल को पौधा भेंट करने के लिए कहा है। इतना ही नहीं, जो चिकित्सक जिस पौधे को दान करेगा, वो उसका अस्पताल के गार्डन में रोपण भी करेगा। अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार जेपी में चार सौ से अधिक औषधीय प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे।
कायाकल्प अभियान के तहत हो रही पहल
इसे लेकर नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) ने सभी जिला अस्पतालों में बाटेनिकल गार्डन तैयार करने के आदेश दिए हैं। कायाकल्प अभियान के तहत ऐसे गार्डन को अनिवार्य बनाया गया है। हरके पौधे पर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे। इसे स्कैन करने पर पौधे के औषधीय गुणों के बारे में जानकारी होगी।
प्रदेश में 51 जिला अस्पताल
प्रदेश में वर्तमान में 51 जिला अस्पताल हैं, जिनमें इस तरह के गार्डन को डेवलप करने को लेकर निर्देश जारी किए गए है। इनमें से कुछ जिलों में से गार्डन में पहले से हैं, जिनको व्यवस्थित किया जाना है। अब जेपी में गार्डन को डेपलप करने के लिए काम किया जा रहा है।
इनका कहना है
अस्पताल को हरा-भरा बनाने का प्रयास है। यहां आने वाले मरीजों और उनके स्वजनों को इससे अच्छा लगेगा। जल्द ही बाटेनिकल गार्डन आकार लेने लगेगा। चिकित्सकों के अलावा सामान्यजन से भी पौधे दान करने के लिए अपील की जा रही है। गार्डन के लिए प्रदेश के सभी अस्पतालों को प्रयास करना है।
- डा राकेश श्रीवास्तव, सिविल सर्जन, जेपी अस्पताल