Bhopal News:भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। शरद जोशी महान व्यंग्यकार थे। उन्होंने सच्च्ााई को उसकी पूरी विडंबना के साथ शब्दों में उतारा। यही कारण है कि उन्होंने अपने अनगिनत दुश्मन बनाए। वे सच लिखकर लोगों को अपना दुश्मन बनाने में माहिर थे। उनका विश्लेषण करना कठिन है। यह कहना था वरिष्ठ व्यंग्यकार डा. ज्ञान चतुर्वेदी का, वे राजकमल प्रकाशन द्वारा हिंदी भवन के महादेवी वर्मा सभागार में आयोजित किताब उत्सव के तहत बुधवार शाम 'हमारा शहर हमारे गौरव : शरद जोशी" सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि शरद जोशी शब्दों के प्रति अत्यंत सजग थे। उनका व्यंग्य अचूक होता था। वे तात्कालिकता में सार्वकालिकता को संभव करते थे। अपने निजी जीवन में उन्होंने बहुत कष्ट उठाए लेकिन लेखन में कभी नहीं झुके।
इस अवसर पर युवा रचनाकार मौलश्री सक्सेना ने शरद जोशी की कुछ चुनींदा रचनाओं का पाठ किया और वरिष्ठ लेखिका सविता भार्गव ने अपने विचार रखे। आयोजन में राजकमल प्रकाशन समूह के अध्यक्ष अशोक महेश्वरी भी उपस्थित थे। गौरतलब है कि राजकमल प्रकाशन ने अपने 75वें वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में देश के विभिन्ना शहरों में किताब उत्सव और राजकमल पुस्तक प्रदर्शनी आयोजित करने का निर्णय किया है। भोपाल में किताब उत्सव उसकी पहली कड़ी है, जो 25 जुलाई तक चलेगा। इसके तहत राजकमल 'हमारा शहर हमारे गौरव" के तहत भोपाल के दिग्गज साहित्यकारों पर केंद्रित कार्यक्रम भी करा रहा है।
राजकमल ओपन माइक: किताब उत्सव के तहत खास कर छात्रों-युवाओं के लिए राजकमल ओपन माइक का आयोजन किया जा रहा है,जिसमें उन्हें अपनी रचनाओं का पाठ करने का मौका मिलेगा।
कबीर और जायसी पर बोलेंगे पुरुषोत्तम अग्रवाल
किताब उत्सव का एक विशेष कार्यक्रम है 22 जुलाई को होने वाली, मशहूर आलोचक और संघ लोक सेवा आयोग बोर्ड के पूर्व सदस्य पुरुषोत्तम अग्रवाल की कबीर और जायसी पर बातचीत। इसमें श्रोतागण पुरुषोत्तम अग्रवाल के सामने अपने सवाल भी रख सकेंगे। गौरतलब है कि पुरुषोत्तम अग्रवाल की पुस्तक 'मानुष पेम भएउ बैकुंठी : पद्मावत" हाल ही में प्रकाशित हुई है, जिसकी काफी चर्चा हो रही है। कबीर पर उनकी किताब 'अकथ कहानी प्रेम की" तो हिंदी आलोचना की सर्वाधिक महत्वपूर्ण कृतियों में शुमार है।