Bhopal News: भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। पुराने शहर के सेमरा चौकसे शादी हाल में राधा कृष्ण समिति की ओर से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के षष्टम दिवस पर भागवत कथा वाचक पंडित ओम प्रकाश शास्त्री ने महारास का वर्णन करते हुए कहा कि जीवन में सत्संग का होना बहुत जरूरी है। सत्संग करने से हमें अच्छे संस्कार आते हैं। जिससे विचार अच्छे होते हैं और विचार अच्छा होने से मन अच्छा होगा। अच्छा मन से भगवान तो प्रसन्न होते ही हैं। साथ ही कार्य क्षेत्र में भी उन्नति होती है।
शस्त्री महाराज ने श्रद्धालुओं से कहा कि जीवन में समर्पण भाव होना चाहिए। कथा में वर्णन आता है कि संमुख हुए जीव मोहे जवाई जन्म कोटि अघ ना सही अर्थात भगवान का यह सत्य वचन है कि यदि जीव मुझे समर्पण कर देता है, तन मन से समर्पित हो जाता है तब में उसके समस्त पाप ताप साप उसी समय नष्ट कर देता हूं। हमें भगवान के प्रति समर्पण होना चाहिए। हम शरीर से संसार के कार्य करें। अपने मन और बुद्धि से प्रभु के हो कर रहे। उनका स्मरण और उनका धन्यवाद करते रहना चाहिए। यही सास्वत भजन, त्याग ओर तपस्या है। ऐसे जीव की सद्गति निश्चित रूप से हो जाती है यही भाव सबसे उत्तम है। माता रुक्मणी ने भी समर्पण भाव से श्री कृष्ण को याद कर सर्वस्व मान कर विवाह निवेदन किया। जिसके बाद श्री कृष्ण ने लीला कर माता रुक्मणी से विवाह किया। इस अवसर पर धूमधाम से श्री कृष्ण की बरात निकाली गई। कृष्ण-रुक्मणी विवाह की झांकी सजाई गई। इस मौके पर व्यासपीठ का पूजन शीलू कुशवाहा, विनीता चेतन सिंह, किशन कुशवाहा, नितिन शरण सहित अन्य लोगों ने किया। संस्था के प्रणय शर्मा ने बताया कि रविवार को कथा में सुदामा चरित्र की कथा के साथ विश्राम दिवस की कथा होगी।