Bhopal News:भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। गांधी मेडिकल कालेज की पीजी की छात्रा बाला सरस्वती के खुदकुशी के मामले में शाहजहांनाबाद पुलिस ने करीब करीब जांच पूरी कर ली है, जांच में सामने आया है छात्रा मानसिक रुप से परेशान थी, उसे अपना थिसीस जल्द से जल्द जमा करनी थी ,वह गर्भवती होने के कारण अवकाश पर अधिक रहती थी, जांच के दौरान मृतक के स्वजनों ने बयान में बताया है कि उसे उसकी पूर्व विभागाध्यक्ष मानसिक रुप से परेशान किया जा रहा था। शादी के बाद से वह निजी कारणों से सात माह से ज्यादा समय छुट्टी ले चुकी थी। इस कारण वह काफी तनाव में थी, पुलिस जांच में विभागाध्यक्ष घेरे में आ गई है। बयान लेने के बाद आखरी बार नोटिस देकर बयान के लिए बुलाया है।
नवागत एसीपी के आमद देने के बाद पूरे मामले में जांच में तेजी आ गई है। उनका कहना है कि मामले में जांच कर मामले में कार्रवाई करेंगे। हम बता दें कि एक अगस्त् को बाला सरस्वती ने सोमवार तड़के घर में एनेस्थीसिया के इंजेक्शन लगाकर खुदकुशी कर ली थी। सुबह पति उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मृतका के स्वजन मंगलवार को बेंगुलरु से भोपाल पहुंचे, जिसके बाद डाक्टर का पोस्टमार्टम किया गया। पुलिस को उसके मोबाइल से सुसाइट नोट मिला था। री थीसिस मैं कभी पूरी नहीं कर पाऊंगी और ये लोग मुझे कभी भी दोबारा नहीं जी पाएंगे, चाहे कुछ भी हो जाए यदि मैं अपना खून और आत्मा लगा दूं और अपना सब कुछ दे दूं तो यह उनके लिए कभी भी पर्याप्त नहीं होगा। आपकी मर्जी के विरुद्ध इस कालेज में प्रवेश करना चुना। नेव इट्ज़ कभी भी उनके लिए पर्याप्त नहीं है।इस निर्णय पर मुझे बहुत पछतावा है। मैंने विषय सीख लिया है, लेकिन इन लोगों में नैतिकता की कमी और विषाक्तता इतनी अधिक है कि मैं इसे बर्दाश्त नहीं कर सकती.. मुझे वास्तव में खेद है। यह बात एनेस्थिसिया के इंजेक्शन का ओवरडोज लेकर जान देने वालीं गांधी मेडिकल कालेज की गायनेकोलाजी की पीजी तृतीय वर्ष छात्रा ने अपने सुसाइड नोट में लिखे थे।
पूर्व विभागाध्याक्ष जांच के घेरे में
मामले के जांच अधिकारी एसीपी शाहजहांनाबाद एनके उपाध्याय ने बताया कि मामले में करीब करीब जांच पूरी हो गई है। मृतका के स्वजनों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं, जीएमसी पूर्व विभागाध्यक्ष को एक बार फिर इस खुदकुशी के मामले में बुलाया है। उनके बयान दर्ज करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।