नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल मंडल ने मंगलवार को एक अनोखा टाइगर रेस्क्यू आपरेशन किया। यह अभियान भोपाल मंडल में पहली बार हुआ, जब रेलवे ने टाइगर रेस्क्यू के लिए विशेष ट्रेन चलाई। सोमवार को ट्रेन की चपेट में आने से एक बाघ की मौत हो गई थी, जबकि उसके दो शावक घायल हो गए थे। ये शावक रेलवे ट्रैक के किनारे पड़े थे।
आंतरिक चोट के कारण चल नहीं पा रहे थे। घटनास्थल मिडघाट और चौका स्टेशन सेक्शन के बीच स्थित दो टनल के बीच था, जहां किसी भी प्रकार का वाहन पहुंच पाना संभव नहीं था। फारेस्ट और जिला प्रशासन शावकों को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए महाप्रबंधक ने स्पेशल रेस्क्यू ट्रेन चलाने के लिए मंडल रेल प्रबंधक को निर्देशित किया। डीआरएम भोपाल ने वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक से चर्चा कर टाइगर रेस्क्यू स्पेशल ट्रेन चलाई।
यह ट्रेन वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक और कलेक्टर सीहोर एवं उनकी टीम के साथ रानी कमलापति स्टेशन से 12:25 बजे रवाना हुई और 1:55 पर बुधनी पहुंची, जहां ट्रेन के इंजन को भी रिवर्स करना था। 2:50 बजे ट्रेन दुर्घटना स्थल पर पहुंची, जहां फारेस्ट और जिला प्रशासन की टीम और चीफ कंजरवेटिव आफिसर, डीएफओ, एसडीएम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
ट्रेन सेक्शन में रुकी और दो जीवित शावकों को कोच में चढ़ाया गया। ट्रेन 3:10 बजे घटनास्थल से रवाना हुई। टाइगर रेस्क्यू स्पेशल ट्रेन का संचालन महिला ट्रेन मैनेजर के द्वारा किया जा रहा था। ट्रेन 5:45 पर रानी कमलापति स्टेशन पर पहुंची।
भोपाल। बुधनी के मिड घाट में घायल हुए दो मादा बाघ शावक मंगलवार को रेस्क्यू करके वन विहार लाया गया। जिनका बुधवार को मेडिकल चेकअप किया जाएगा। ज्ञात हो कि बुधनी के मिड घाट क्षेत्र सीहोर वन मंडल के अंतर्गत तीन टाइगर शावक ट्रेन के टक्कर से घायल होकर पास की नली में गिर गए थे । इसमें से नर शावक जिनकी उम्र लगभग नौ माह थी की मृत्यु हो गई । जिसका सोमवार को रेस्क्यू कर पोस्टमार्टम किया गया। अन्य दो मादा बाघ शावक रेस्क्यू करने का प्रयास वन विहार की टीम और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम द्वारा किया गया परंतु इन शावकों की मां के घटना स्थल पर आ जाने से रेस्क्यू कार्य नहीं किया जा सका।