भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। सेना के सुदर्शन चक्र कोर ने अपना 32वां स्थापना दिवस मंगलवार को शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के साथ मनाया। भोपाल मिलिट्री स्टेशन में एक सादे समारोह शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। राजधानी में सुदर्शन चक्र कोर की स्थापना 18 मई 1990 को की गई थी। सुदर्शन चक्र कोर को सबसे पहले 1917 में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मध्य पूर्व एशिया में युद्ध में भाग लेने के लिए और फिर द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1942 में फिर से बनाया गया था। इन दोनों प्रमुख अभियानों के बाद कोर को अस्थाई तौर पर बंद कर दिया गया था। सुदर्शन चक्र कोर ने इस स्थापना दिवस को अपने सभी संसाधनों और साधनों के साथ कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए समर्पित किया है। कोर पहले से ही कई राज्यों में चिकित्सा सहायता प्रदान करने में सबसे आगे है और भविष्य में भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
कोविड-19 सेंटर बनाकर पेश की सेवा की मिसाल
कोर ने हल्के और बिना लक्षण वाले कोविड-19 रोगियों के लिए भोपाल, सागर और ग्वालियर में ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ एडहॉक आइसोलेशन सुविधाओं की स्थापना की है और संचालन भी कर रही है। सुदर्शन चक्र कोर ने हाल ही में डॉक्टरों, नर्सों और अन्य पैरा मेडिक्स की एक टीम को अहमदाबाद, गुजरात में धनवंतरी सशस्त्र बल कोविड देखभाल केंद्र के लिए भेजा था। इसके अलावा, 32वें स्थापना दिवस के अवसर पर, क्षेत्रीय अध्यक्ष, आवा, सुदर्शन चक्र कोर ने जुडाव फाउंडेशन द्वारा प्रायोजित एक ऑक्सीजन कंसेंटेटर और एन-95 मास्क भूतपुर्व सैनिकों की देखभाल के लिए बनाए गए चिकित्सा केंद्र को भेंट किए । स्थापना दिवस के अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल अतुल्य सोलंकी, अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक, जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जी.ओ.सी), सुदर्शन चक्र कोर ने कोर युद्ध स्मारक पर कोर के उन वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने सेना के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया । श्रद्धांजलि समारोह के बाद, जी.ओ.सी ने कोर के सभी रैंकों को 'स्वयं से पहले देश की सेवा' की अपनी प्रतिज्ञा को सदैव याद रखने के लिए भी कहा। उन्होंने इस अवसर पर राष्ट्र और सुदर्शन चक्र कोर की सेवा के लिए भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिजनों का धन्यवाद भी किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि कोर हमेशा अपने वीर नारियों और भूतपूर्व सैनिकों की देखभाल करने और कोविड के इस कठिन समय में उनकी मदद करने का हर संभव प्रयास करेगा।
मिशन रीच आउट का शुभारंभ किया
जनरल सोलंकी ने इस अवसर पर वीर नारियों और पूर्व सैनिकों के स्वास्थ्य और उनकी कोविड स्थिति की लगातार निगरानी करने के लिए मिशन 'रीच आउट' का शुभारंभ भी किया। इन विषम परिस्थितियों और वर्तमान महामारी के दौरान ऐसा देखा गया है कि सशस्त्र बलों के उम्रदराज भूतपूर्व सैनिकों को कोविड होने का बहुत खतरा रहता है, इसीलिए सुदर्शन चक्र कोर ने उन तक पहुंचने, उनके साथ संवाद करने और नियमित आधार पर उनके स्वास्थ्य की स्थिति की निगरानी करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इस मिशन का मुख्य घटक एक एंड्रॉयड ऐप है। सुदर्शन चक्र कोर द्वारा विकसित यह ऐप प्रत्येक वीर नारी और भूतपूर्व सैनिकों को किसी भी चिकित्सा सहायता के लिए अपने निकटतम पॉलीक्लिनिक, सैन्य अस्पताल या पैनल में शामिल अस्पतालों तक पहुंचने के लिए सहायता करेगा। कोविड से संबंधित सरकारी आदेशों और दिशानिर्देशों पर नवीनतम अपडेट प्रदान करने के अलावा, यह ऐप वीर नारियों और भूतपूर्व सैनिकों को उनकी दैनिक स्वास्थ्य स्थिति को बताने का जरिया है और यदि आवश्यक हो तो ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक करने या फिर पंजीकृत चिकित्सा सलाहकारों के साथ लाइव चैट करने में मदद भी करेगा। इस ऐप में उस क्षेत्र के महत्वपूर्ण व्यक्तियों के फोन नंबर, चिकित्सा सुविधाओं का विवरण और निकटतम सैन्य अस्पतालों में बिस्तर की उपलब्धता की जानकारी भी शामिल है। तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता पड़ने पर कोई भी वीर नारी या फिर भूतपूर्व सैनिक इससे तुरंत एसओएस कॉल कर सकते हैं और कोविड की किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए निकटतम पैनल या सैन्य अस्पताल से जुड सकते हैं।