Bhopal News: ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण करने डीजे का आकार होगा छोटा, नहीं रखे जा सकेंगे दो से ज्यादा बाक्स
अनुमति लेने के बाद ही बजाए जा सकेंगे मध्यम आकार के डीजे। बड़े डीजे होंगे जब्त। जिला प्रशासन और पुलिस की टीमें संयुक्त रूप से निगरानी करेंगी।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Sat, 16 Dec 2023 11:55:43 AM (IST)
Updated Date: Sat, 16 Dec 2023 11:55:43 AM (IST)
HighLights
- बड़े बाक्स वाले डीजे पर कार्रवाई की तैयारी।
- डीजे संचालकों को दी जाएगी समझाइश।
- ध्वनि तीव्रता की जांच एप के द्वारा टीमों के जरिए कराई जाएगी।
भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। जिला में ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए डीजे पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी जिला प्रशासन द्वारा कर ली गई है। अब डीजे एक सीमा तक ही उपयोग किया जा सकेगा। इसका आकार तय कर दिया गया है। साथ ही बड़े आकार के सभी डीजे जब्त कर लिए जाएंगे। वहीं, डीजे में दो से अधिक बाक्स नहीं रखे जा सकेंगे। इन नियमों का सख्ती से पालन कराने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस की टीमें संयुक्त रूप से निगरानी के साथ ही कार्रवाई करेंगी।
सुप्रीम कोर्ट दे चुका गाइडलाइन
सरकार द्वारा लाउडस्पीकर और डीजे पर अंकुश लगाने की दिशा में सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइन का पालन करने के आदेश जारी किए हैं। इसके बाद जिला प्रशासन द्वारा धर्मगुरुओं के साथ बैठक कर उनसे नियमों का पालन कराने का आह्वान किया है।
डीजे संचालकों को देंगे समझाइश
अब डीजे संचालकों के साथ बैठक होना बाकी है। इससे पहले प्रशासन ने तय कर लिया है कि किस आकार के डीजे धार्मिक, सांस्कृतिक और वैवाहिक सहित अन्य समारोह में उपयोग किए जा सकते हैं। जिला में जितने भी बड़े बाक्स वाले डीजे हैं, उन पर प्राथमिक रूप से कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। इससे पहले इनके संचालकों को समझाइश दी जाएगी, जिससे वह इनका आकार नियमानुसार कर लें। साथ ही छोटे डीजे में भी सिर्फ दो ही बाक्स रख सकेंगे और किराये पर ही दो ही बाक्स दिए जा सकेंगे। इनकी ध्वनि तीव्रता की जांच एप के द्वारा टीमों के जरिए कराई जाएगी। यदि समझाइश के बाद भी संचालकों द्वारा पालन नहीं किया गया तो जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।
जिले में करीब डेढ़ हजार डीजे
जिले में छोटे-बड़े मिलाकर लगभग डेढ़ हजार डीजे हैं। संचालकों ने लोडिंग वाहनों पर डीजे बनवाए हैं, जिनमें अत्याधिक तीव्रता ध्वनि वाले बाक्स लाइटिंग के साथ लगाए जाते हैं। इनके सामने कमजोर हृदय वाले लोग खड़े नहीं हो पाते हैं। बता दें कि एक डीजे को बनवाने में कम से कम 10 से 15 लाख रुपये का खर्च आता है।
इनका कहना है
जिला में ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए लाउडस्पीकर और डीजे के उपयोग पर सख्ती बरती जा रही है। धार्मिक स्थल पर एक लाउडस्पीकर होगा, वहीं डीजे का आकार भी छोटा करना होगा। इसके लिए जल्द ही डीजे संचालकों के साथ बैठक आयोजित कर उन्हें समझाइश दी जाएगी।
- आशीष सिंह, कलेक्टर, भोपाल