Bhopal News: भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय(एमसीयू) के मीडिया प्रबंधन विभाग की ओर से पांच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) का समापन हो गया। राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सहयोग से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 : गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए क्रियान्वयन विषय पर केंद्रित एफडीपी के समापन सत्र को भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मुकुल कानिटकर और एआईसीटीई की सलाहकार ममता अग्रवाल ने संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की। एफडीपी में 23 राज्यों के 200 शिक्षकों ने सहभागिता की। देश के अनुभवी शिक्षाविदों के पैनल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रभावी क्रियान्वयन पर शिक्षकों का मार्गदर्शन किया। एफडीपी के समापन सत्र के मुख्य वक्ता मुकुल कानिटकर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन का दायित्व शिक्षकों पर है, न कि शासन पर। उन्होंने कहा कि 29 जुलाई, 2020 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत सरकार के गजट प्रकाशित होते ही लागू हो चुकी है। अब इसका अनुसरण और इसका क्रियान्वयन अकादमिक संस्थाओं का दायित्व है। सरकार या उच्च शिक्षा एजेंसियों की ओर से औपचारिक पहल की प्रतीक्षा किए बिना आप सभी को इसके क्रियान्वयन में जुट जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के सूत्र बिंदु हैं- ऐसी शिक्षा जो मुक्तकारी, युक्तकारी और अर्थकारी हो, यानि जो अज्ञानता से मुक्त करें, ज्ञान से युक्त करे और जो देश समाज के लिए सार्थक रूप से उत्पादनकारी हो। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारत को विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठित करने का लक्ष्य तब पूरा होगा जब दुनिया के अनेक देशों में भारत के दूतावासों में हमारे उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए कतारें लगने लगेंगी।
एमसीयू ने सात नए पाठ्यक्रम प्रारंभ किए हैं
समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि मध्यप्रदेश में सबसे पहले माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की पहल की और इसी सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा निति के अनुसार सात नए पाठ्यक्रम प्रारंभ किए। प्रो. सुरेश ने कहा कि आज का समय प्रतिस्पर्धा का नहीं बल्कि सहयोग का है, इसलिए सभी उच्च शिक्षा संस्थाओं को आपस में समन्वय कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना चाहिए। इसके लिए कई विश्वविद्यालयों से सहयोग और समन्वय स्थापित किया जा रहा है। प्रो. सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय ने अकादमिक क्षेत्र में कई पेटेंट प्राप्त किए हैं और आगे भी इस क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल होंगी। वहीं विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की सलाहकार ममता अग्रवाल ने शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए कई महत्वपूर्ण और व्यवहारिक सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्न्ता की बात है कि देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में कई संस्थाएं उल्लेखनीय कार्य कर रही हैं। समापन सत्र के प्रारंभ में मीडिया प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष एवं विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी ने एफडीपी के पांच दिनों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। एफडीपी प्रोग्राम के समापन सत्र का संचालन सहायक प्राध्यापक मनीषा वर्मा ने किया और प्रो. कंचन भाटिया ने आभार प्रदर्शन किया।