भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। सालों की मेहनत के बाद भोपाल रेल मंडल के रेलकर्मियों ने आखिरकार वह मुकाम हासिल कर ही लिया, जिसका लंबे समय से इंतजार था। इन्होंने सात अक्टूबर को 399 ट्रेनें तय समय में चलाकर समय पालन के लक्ष्य को हासिल किया है। इनमें 200 मेल व एक्सप्रेस ट्रेनें और 199 माल परिवहन करने वाली रेलगाड़ियां शामिल हैं। भोपाल रेल मंडल के इतिहास में कभी भी इनती बढ़ी संख्या में ट्रेनों ने समय पालन को पूरा नहीं किया था। हालांकि कोरोना संक्रमण में प्रत्येक ट्रेनें समय पर चल रही थी, बल्कि कुशीनगर समेत कुछ ट्रेनें तो भोपाल व हबीबगंज स्टेशन पर तय समय से पहले भी पहुंच जाती थी। तब पटरी पर गिनी-चुनी ट्रेनें थी इसलिए समय-पालन लक्ष्य आसानी से पूरा हो रहा था। पूर्व में जबलपुर रेल मंडल भी उक्त लक्ष्य को पूरा कर चुका है लेकिन तब भी 399 ट्रेनें नहीं थीं।
ऐसे पाया लक्ष्य
- रेलकर्मियों की तत्परता से मंडल के किसी भी रेलखंड में सिग्नल व ओएचई फेल नहीं होने दी।
- रेल इंजीनियर व ट्रैकमैनों ने ट्रैक पर निर्माण संबंधी कामों को तय सीमा में पूरा किया।
- आरपीएफ-जीआरपी के जवानों ने प्रत्येक ट्रेनों पर सख्ती से नजर रखी, जिसके कारण चेनपुलिंग जैसी घटना नहीं हुई। जब भी चेनपुलिंग होती है तब ट्रेनों की गति प्रभावित होती है।
- ड्राइवर, गार्ड और परिचालन विभाग के रेलकर्मियों ने बेहतर संवाद स्थापित कर कहीं भी गलती नहीं होने दी।
- परिचालन विभाग ने यात्री व गुड्स ट्रेनों को चलाने की अच्छी योजना बनाई है।
ये पुराने काम बने आधार
- बरखेड़ा-बुधनी रेलखंड को छोड़कर बीना से इटारसी के बीच तीसरी रेल लाइन चालू होने से काफी सहूलियतें हुई हैं।
- 21 रेलखंडों में इटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नल लगाने से ट्रेनों को एक के पीछे एक चलाने से फायदा हुआ है।
- पुराने ट्रैक को अपग्रेड किया है। शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस समेत अन्य ट्रेनों में एलएचबी कोच लगाने से गति बढ़ी है।
सुधार के लिए 161.10 घंटे दिए
वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक डॉ. आरएन मीणा ने बताया कि समय-पालन चुनौतीपूर्ण काम है क्योंकि ट्रैक समेत अन्य कामों को भी करना होता है। कोई काम बंद नहीं कर सकते। सात अक्टूबर को मंडल में 161.10 घंटे का ब्लॉक दिया था। तब भी उपलब्धि हासिल हुई है।
रेलवे बोर्ड स्तर पर लगातार समय पालन की समीक्षा हो रही है। ट्रेनों के दबाव बढ़ने के बीच भोपाल रेल मंडल ने समय पर ट्रेनों का चलाकर बड़ा लक्ष्य हासिल किया है।
- राहुल जयपुरिया, मुख्य प्रवक्ता, पश्चिम मध्य रेलवे
किसी भी मंडल के लिए 399 ट्रेनों को समय पर चलाना बहुत ही चुनौतीपूर्ण काम है। इसे प्रत्येक रेलकर्मियों की जागरुकता और निष्ठा के दम पर पूरा किया है। योजना बनाने के स्तर से भी अच्छा काम हुआ है।
- सौरभ बंदोपाध्याय, डीआरएम, भोपाल रेल मंडल