भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। भोपाल के निशातपुरा में स्थित पुनर्निर्माण रेल कारखाना में 100 न्यू माडिफाइड गुड्स हाइस्पीड (एनएमजीएच) कोच बनाने का प्रयोग सफल रहा है। अब कारखाना प्रबंधन ऐसे ही और अधिक कोचों को कम समय में बनाने के लिए तैयार हो रहा है। इसके लिए संसाधनों का विस्तार किया जा रहा है, ताकि जरुरत पड़ी तो कम समय में ऐसे कोचों को बनाया जा सके। निशातपुरा इलाके में स्थित इस रेल कारखाना में नए कोच नहीं बनाए जाते हैं, बल्कि 12 वर्ष तक चल चुके पुराने कोचों को ही नए सिरे से बनाया जाता है। यह काम भी बंद हो गया है। अब केवल इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) और जर्मन कंपनी लिंक हाफमैन बुश (एलएचबी) की तकनीक से बनाए जा रहे कोचों का का प्रति दो वर्ष में होने वाला सुधार किया जा रहा है। कारखाना में एनएमजीएच कोच पहली बार बनाए थे।
बता दें कि कारखाना में तैयार किए गए सभी 100 कोचों को रेलवे बोर्ड को सौंप दिया है। कार, बाइक आदि के परिवहन के लिए बनाए गए इन कोचों को खूब पसंद किया जा रहा है। ये यात्री कोच थे, जिनका निर्माण पूर्व में इंटीग्रेड कोच फैक्ट्री द्वारा किया गया था। इन कोचों को यात्री परिवहन से अलग कर दिया था। रेलवे ने प्रति कोच 20 लाख रुपये खर्च कर इन्हें एनएमजीएच में तब्दील किया है।
वर्ष 2021—22 में लक्ष्य और पूर्ति
कोचों के प्रकार ————लक्ष्य————पूर्ति
आइसीएफ कोचों का सुधार———540——696
एलएचबी कोचों का सुधार———348———308
यात्री कोच से माल परिवहन कोचों में परिवर्तन———100———100
अन्य कोचों का सुधार———36———45
कोचों में बदलाव———02———04
कुल———1026———1153
पुनर्निर्माण रेल कारखाना की प्रतिदिन की क्षमता
कोच का प्रकार———— एक दिन की क्षमता
नान एसी आइसीएफ कोच का सुधार——— 13
एसी आइसीएफ कोचों का सुधार—--- 17
नान एसी एलएचबी कोचों का सुधार—-- 11
एसी एलएचबी कोचों का सुधार—--- 15