भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। भोपाल को मिले आधुनिक विस्टाडोम कोच को कहां और किस ट्रेन में लगाकर चलाया जाएगा, रेलवे के अधिकारी यह तय नहीं कर पा रहे हैं। यह कोच 21 दिनों से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के यार्ड में खड़ा है। इसे पहले ही चलाया जाना था, इसका ट्रायल हो चुका है, जो सफल रहा है। अभी तक रेलवे के अधिकारी यह तय ही नहीं कर पाएं है कि यह कोच किन स्टेशनों के बीच चलाया जाएगा, इसका किराया कितना होगा। दूसरी ओर यात्री इस कोच में सफर करने के लिए इंतजार कर रहे हैं। यह आधुनिक कोच है, जिसकी दीवारें पारदर्शी कांच की है। इस चेयरकार में लगी कुर्सियां मूवेबल है। यात्री इन्हें अपनी सुविधाओं के अनुरूप घुमा सकते हैं। छत का कुछ हिस्सा भी पारदर्शी है।
कोच की खासियत
- यह पूरी तरह वातानुकूलित कोच है।
- 44 सीटे है, जिन्हें 180 डिग्री तक घुमा सकेंगे।
- एक केबिन है, जिसमें खड़े होकर यात्री पीछे ट्रैक का नजारा देख सकेंगे।
- दो शौचालय हैं, सामान रखने के लिए अलग कक्ष है।
- छत का करीब 25 प्रतिशत हिस्सा कांच का है
- चार एलईडी मनोरंजन के लिए लगी हैं।
- सभी कांचों के लिए परदे हैं, जिन्हें आसानी से बंद व खोला जा सकता है।
- ये कोच जर्मन कंपनी लिंक हाफमैन बुश (एलएचबी) तकनीक से तैयार किए हैं।
- पैरों से अनलाक करके इन्हें घुमा सकेंगे
- सीटों के बीच अधिक स्पेस है, पैर लंबे करके बैठ सकेंगे
- अन्य वातानुकूलित श्रेणी के कोचों की तुलना में किराया 25 प्रतिशत अधिक हो सकता है।
- 1.50 करोड़ है अनुमानित कीमत
- 60 डेसिबल से कम आवाज आएगी बाहर की
- एयर स्प्रिंग वाला कोच है, जिसमें जर्क कम से कम लगेगा
- इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई ने किया है तैयार