भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। भोपाल समेत पश्चिम-मध्य रेलवे जोन के अन्य इलाकों में रेलगाड़ियां पहले के मुकाबले अधिक रफ्तार से दौड़ने लगी हैं। ऐसा रेलवे ट्रैक में सुधार के जरिए संभव हुआ है। रेलवे सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पमरे जोन में यात्री ट्रेनें 110 और मालगाड़ियां 75 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से दौड़ रही हैं। गति बढ़ने से आम यात्रियों को जहां फायदा हो रहा है, वहीं मालगाड़ियों के जरिए अनाज, तेल, किराना सामान, गैस, दूध, फल व सब्जी का भी कम समय में परिवहन किया जा रहा है। रेलवे का दावा है कि आने वाले महीनों में ट्रेनों की गति और बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए यह किया गया
— बीना-कटनी रेलखण्ड पर सेक्शन गति को 100 से 110 केएमपीएच तक बढ़ाया गया।
— कटनी-दमोह, दमोह-सागर और सागर-मालखेड़ी के दोनों अप एंड डाउन ट्रैक पर गति बढ़ाई गई।
— डीपस्क्रीनिंग प्लेन टैंक का कार्य कुल 54.5 किमी जिसमें खुरई-सुमरेरि डाउन टैंक, बाघोरा-जरूवाखेड़ा अप टैंक व पथरिया-दमोह अप टैंक में किया गया।
— डीपस्क्रीनिंग का कार्य कर मालखेड़ी, बघोरा, खुरई, ईसरवारा, सैलाया, करहिया भादौली, मकरोनिया एवं जरूवाखेड़ा के 13 पैसेंजर लूप लाइनों को अपग्रेड किया गया है।
— मेनलाइन की प्राथमिक रेल नवीनीकरण/प्रतिस्थापन का कार्य टैंक की जांच के उपरांत गिरवर-गणेशगंज डाउन एंड अप, पथरिया यार्ड डाउन मेनलाइन, गोलापट्टी-सौगोनि, सैलाया-बखलेटा, मालख़ेडी-बघोरा एवं मालखेड़ी-करोद में 43.5 किलोमीटर किया गया।
— गति वृद्धि के लिए कई महत्वपूर्ण स्टेशनों पर कुल 10 किमी में रेल तथा स्लीपर का पूर्ण नवीनीकरण व प्रतिस्थापन का कार्य भी किया गया।
— इस रेलखण्ड में 16 एलसी गेट को भी बंद किया गया और साथ ही दो महत्वपूर्ण एलसी गेट 13 एवं 64 पर एलएचएस का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया। इस रेलखंड पर सबसे ज्यादा 42 रेल पुलों की मरम्मत की गई।यह मालगाड़ियों की गति वृद्धि और सरंक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हुआ है। कुछ ब्रिजों पर गर्डर एवं स्लीपरों को भी बदला है जो कि गति अवरोध से बचाने में काफी सहायक हुए है।