
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआइआर) के तहत ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी होने के दस दिन बाद अब नो मैपिंग श्रेणी में रखे गए मतदाताओं की सुनवाई शुरू होने जा रही है। पांच जनवरी से जिले की बैरसिया, उत्तर, नरेला, मध्य, दक्षिण-पश्चिम, गोविंदपुरा और हुजूर विधानसभा क्षेत्रों के 1 लाख 16 हजार 925 मतदाताओं की सुनवाई की जाएगी। इसके लिए सोमवार से नोटिस बांटने का काम शुरू कर दिया गया है।
एसआइआर के दौरान जिले में कुल 4 लाख 38 हजार 875 मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से काटे गए हैं। वहीं 1 लाख 16 हजार 925 ऐसे मतदाता हैं, जिनका और उनके माता-पिता का नाम वर्ष 2003 की वोटर लिस्ट में दर्ज नहीं मिलने के कारण उन्हें नो मैपिंग कैटेगरी में रखा गया है। इन मतदाताओं से अब दस्तावेज लेकर सत्यापन किया जाएगा।
नियमों के मुताबिक 23 दिसंबर से ही नोटिस जारी कर सुनवाई शुरू हो जानी थी, लेकिन जिला निर्वाचन कार्यालय को आयोग से प्रोफार्मा समय पर नहीं मिलने के कारण नोटिस जारी करने में करीब छह दिन की देरी हो गई। नोटिस में सुनवाई की तारीख 5 जनवरी निर्धारित की गई है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी भुवन गुप्ता के अनुसार मंगलवार से बीएलओ द्वारा नोटिस तामीली का काम शुरू कर दिया जाएगा।
नोटिस तामीली की जिम्मेदारी बीएलओ को सौंपी गई है। बीएलओ नो मैपिंग मतदाताओं के घर जाकर नोटिस देंगे और यह भी बताएंगे कि उम्र के अनुसार कौन-कौन से दस्तावेज प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
इधर, बड़ी संख्या में नाम कटने के बाद फार्म-6 और फार्म-8 की मांग अचानक बढ़ गई है। कई मतदान केंद्रों पर इन फार्मों की कमी के कारण लोगों को वापस लौटना पड़ रहा है। निर्वाचन कार्यालय का कहना है कि नए फार्मों की डिमांड आयोग को भेज दी गई है।
बीएलओ की ड्यूटी निरस्त कराने के बदले पैसे मांगने के मामले में एमपी नगर एसडीएम कार्यालय के कर्मचारी किशोर मेहरा को अपर कलेक्टर ने सस्पेंड कर दिया है। कर्मचारी पर 12 हजार रुपये मांगने का आरोप था, जिसकी पुष्टि होने पर कार्रवाई की गई है।