नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। जिला उपभोक्ता आयोग ने एम्यूजमेंट पार्क में हुई दुर्घटना के मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। उन्होंने ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी व्यवस्था नहीं करने वाले एम्यूजमेंट पार्क प्रबंधन को सेवा में कमी का दोषी माना है। ऐसे में उपभोक्ता को उसके नुकसान के एवज में 25 हजार रुपया हर्जाना देने का आदेश जारी किया है।
जहांगीराबाद निवासी अनिल सिंह अपने दोस्त और उनके परिवार छह लोगों के साथ 27 फरवरी 2022 को क्रिसेंट वाटर पार्क गए थे। वहां पर उचित मरम्मत और कुशल गाइड ना होने से दुर्घटना हो गई। उनके दाएं कंधे की हड्डी टूट गई। उन्हें इलाज और फिजियोथेरेपी से लंबे समय तक गुजरना पड़ा। इसके कारण वे शारीरिक विकृति के शिकार हो गए। वे अपने घर में कमाने वाले इकलौते व्यक्ति थे। दो महीने तक वे अपने काम पा जाने में असमर्थ रहे।
पीड़ित ने संचालक से शिकायत की तो वह उनकी ही गलती बताने लगा। उपभोक्ता ने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर भी की थी, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। थककर उन्होंने क्रिसेंट वॉटर पार्क के निदेशक व प्रबंधक और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता आयोग में याचिका लगाई थी।
सुनवाई के बाद जिला उपभोक्ता आयोग बेंच-2 की अध्यक्ष गिरिबाला सिंह, सदस्य अंजुम फिरोज व प्रीति मुद्गल ने बीमा कंपनी को तो जिम्मेदारी से बरी कर दिया, लेकिन वॉटर पार्क प्रबंधन को इसके लिए जिम्मेदार माना। आयोग ने इसे सेवा में कमी मानते हुए उपभोक्ता को 25 हजार रुपये क्षतिपूर्ति के तौर पर अदा करने का आदेश पारित किया है।
वॉटर पार्क ने दुर्घटना से ही इनकार किया आयोग के सामने वाटर पार्क प्रबंधन ने यह तर्क रखा कि उपभोक्ता ने परेशान करने और उनकी छवि को धुमिल करने की की नीयत से यह शिकायत की है। उनके साथ कोई दुर्घटना नहीं हुई है। जबकि उपभोक्ता ने मेडिकल रिपोर्ट भी प्रस्तुत किए थे।
आयोग ने सभी तर्क को खारिज करते हुए कहा कि वॉटर पार्क में सभी आवश्यक सुरक्षा मानकों का पालन करना प्रबंधन की जिम्मेदारी है। उसे सभी गतिविधियों के लिए स्पष्ट सुरक्षा दिशा-निर्देश और कुशल गाइड को तैनात करना चाहिए था। उसमें लापरवाही की गई, यह सेवा में कमी है।