शशिकांत तिवारी, भोपाल। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने हर लोकसभा सीट पर 50 प्रतिशत से अधिक मत पाने का लक्ष्य रखा है। उधर, भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने यह लक्ष्य बढ़ाकर 60 प्रतिशत तक रखा है। पिछले तीन चुनाव परिणामों के विश्लेषण में सामने आया है कि भाजपा को भोपाल, विदिशा, जबलपुर, सागर, दमोह और बैतूल में 50 प्रतिशत से अधिक मत मिलते रहे हैं। इनमें बैतूल एसटी आरक्षित और बाकी सामान्य सीटें हैं।
सर्वाधिक मत प्रतिशत लेकर जीतने का रिकार्ड सुषमा स्वराज का रहा है। वर्ष 2009 में उन्हें 78 प्रतिशत मत मिले थे। वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा को 29 में से 25 सीटों पर 50 प्रतिशत से अधिक मत मिले थे। वर्ष 2019 के चुनाव में मंडला, रतलाम और मुरैना छोड़ सभी सीटों पर भाजपा को 50 प्रतिशत से अधिक मत मिले थे।
इसमें सर्वाधिक 69.35 प्रतिशत मत पाने वाले होशंगाबाद से प्रत्याशी राव उदय प्रताप सिंह रहे। दूसरे नंबर पर इंदौर के शंकर लालवानी को 65 प्रतिशत मत मिले। सर्वाधिक मत और मत प्रतिशत के अंतर से जीतने वाले राव उदय प्रताप सिंह ही थे।
वर्ष 2014 की बात करें तो भाजपा के 20 उम्मीदवार 50 प्रतिशत से अधिक मत लेकर जीते थे। इनमें सर्वाधिक 66 प्रतिशत मत के साथ विदिशा से सुषमा स्वराज जीती थीं। कांग्रेस से विजयी हुए मात्र दो उम्मीदवारों में गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया को 52 प्रतिशत और छिंदवाड़ा से कमल नाथ को 50 प्रतिशत मत मिले थे, जबकि यह दोनों सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती रही है। भाजपा को वर्ष 2019 में 13 सीटों पर 60 प्रतिशत से अधिक मत मिले थे।
इस बार पार्टी सभी 29 सीटें जीतने के साथ ही हर सीट और हर बूथ पर 60 प्रतिशत से अधिक मत पाने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है। उन 17 हजार बूथों पर विशेष ध्यान है जहां पार्टी को कम मत मिले थे। इसके लिए पार्टी ने बूथ चलो अभियान चलाया है।
गांव-गांव संपर्क के लिए 'गांव चलो अभियान' चल रहा है, जिसमें पार्टी के बड़े पदाधिकारियों के दौरे हो रहे हैं। केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों तक पहुंचने के लिए लाभार्थी संपर्क अभियान चलाया जा रहा है। भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा युवा मतदाता सम्मेलन कराया जा रहा है। अन्य मोर्चा व प्रकोष्ठ को भी अलग-अलग जिम्मेदारी मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए दी गई है।