
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। ब्राह्मण बेटियों को लेकर असभ्य टिप्पणी करने वाले मध्य प्रदेश के आइएएस अधिकारी और अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ (अजाक्स) के प्रदेश अध्यक्ष संतोष वर्मा के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर ब्राह्मण समाज के विभिन्न संगठनों के आह्वान पर रविवार को मुख्यमंत्री आवास घेरने के लिए सैकड़ों लोग पहुंचे।
पुलिस ने बल प्रयोग कर इन्हें खदेड़ा। पुलिस के वाटर कैनन का प्रयोग करते ही भगदड़ मच गई। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं। इस दौरान पुलिस ने 60 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। इन्हें पुलिस वाहनों में बैठाकर रातीबड़ क्षेत्र ले जाया गया, जहां प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत नोटिस देकर रिहा किया गया।
इधर विप्र समाज के नेताओं ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन अभी समाप्त नहीं हुआ है। सरकार की अगली कार्रवाई पर उनकी रणनीति तय होगी। यदि संतोषजनक निर्णय नहीं आया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने वर्मा को तत्काल सेवा से बर्खास्त करने और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। सुबह करीब 10 बजे से ही भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर ब्राह्मण समाज के लोग जुटने लगे थे। 11:30 बजे प्रदर्शनकारी पैदल मार्च करते हुए मुख्यमंत्री निवास की ओर बढ़े। प्रदर्शनकारियों के हाथों में तिरंगा, भगवा ध्वज और काले निशान थे। कई बैनरों पर बेटी के सम्मान और सामाजिक एकता से जुड़े संदेश लिखे थे।
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ब्राह्मण समाज के भारी प्रदर्शन से पहले मुख्यमंत्री निवास तक जाने वाले सभी मार्गों पर बैरिकेडिंग कर दी गई थी। किलोल पार्क, पालीटेक्निक चौराहा, राजभवन तिराहा और रोशनपुरा चौराहे पर प्वाइंट लगे थे, जिनमें करीब 300 पुलिसकर्मी तैनात रहे। प्रदर्शनकारी रोशनपुरा मार्ग से होते हुए घेराव करने जा रहे थे, जहां पुलिस ने उन्हें रोका। वहीं जब प्रदर्शनकारियों और पुलिकर्मियों की झड़प हुई तो अरेराहिल्स पुलिस ने करीब 60 प्रदर्शनकारियों के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया। चौराहे से प्रदर्शनकारियों को पुलिस वाहन में बंद कर दिया और फिर रातीबड़ क्षेत्र में जाकर उन्हें नोटिस पर छोड़ दिया।