नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। भोपाल में ड्रग तस्करी और दुष्कर्म के आरोपित यासीन व शाहवर मछली के परिवार की हटाई खेड़ा स्थित तीन मंजिला कोठी पर गुरुवार को जिला प्रशासन का बुलडोजर चला। इससे पहले कोठी में रखा सामान बाहर निकाला गया। छह मशीनें निर्माण तोड़ने में लगी हैं। एसडीएम विनोद सोनकिया समेत जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निगम का अमला मौके पर पहुंचा है। एसडीएम ने बताया कि कोठी का निर्माण सरकारी जमीन पर किया गया है, इसलिए तोड़ा जा रहा है। मौके पर करीब 400 पुलिसकर्मी तैनात हैं।
बता दें, भोपाल पुलिस ने कॉलेज छात्राओं से जुड़े रेप-ब्लैकमेलिंग केस में शाहवर मछली और उसके भतीजे यासीन को गिरफ्तार किया था। इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद चाचा शारिक मछली भी पुलिस की गिरफ्त में आया।
ऐसी थी मछली की कोठी...
भोपाल के टीआईटी कॉलेज में दुष्कर्म-ब्लैकमेलिंग कांड में अब जांच का दायरा और भी गहराने वाला है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पुलिस जांच को अधूरा और लापरवाह मानते हुए दूसरी बार हस्तक्षेप किया है। इसी सिलसिले में आयोग की टीम दोबारा भोपाल पहुंची है। टीम ने बुधवार को पीड़िताओं से भी मुलाकात कर बात की। साथ ही अलग-अलग थानों में दर्ज प्रकरणों के जांच अधिकारियों और पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र से विस्तृत चर्चा कर बताया कि पहली जांच में कहां-कहां गंभीर कमियां रहीं और अब दोबारा किन बिंदुओं पर जांच होना है।
आयोग की टीम इससे पहले जून में भोपाल का दौरा कर चुकी थी, जिसमें क्लब-90 को इस पूरे कांड का अड्डा बताया गया था। बाद में उस क्लब को जमींदोज भी किया गया था। उधर एक जुलाई को आयोग ने प्रदेश के मुख्य सचिव को रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें पुलिस की कार्रवाई को अपर्याप्त करार दिया गया था।
इसमें बताया गया था कि पुलिस ने आरोपित फरहान के आपराधिक नेटवर्क और उसके तारों की गहराई से जांच नहीं की। आयोग ने शंका जताई थी कि फरहान का भोपाल और आसपास के क्षेत्रों में अवैध कारोबार से जुड़ा एक संगठित नेटवर्क है। खासतौर पर मछली कारोबारी शारिक अहमद उर्फ शारिक मछली से संपर्क को लेकर पुलिस जांच या तो बेहद सतही तरीके से की गई या फिर नजरअंदाज कर दिया।
रिपोर्ट में आयोग की टीम ने कॉलेज की एंटी रैगिंग सेल की जांच न होने की बात भी कही थी। साथ ही पीड़िताओं को आरोपितों के स्वजन से सुरक्षा व उन्हें पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने के लिए भी कहा था। इसके जो पीड़िताएं डर के कारण अपनी पढ़ाई छोड़ चुकी हैं, उन्हें दोबारा कॉलेज में प्रवेश दिलवाने के लिए कहा गया है। पहले दिन पुलिस अधिकारियों से मुलाकात के बाद गुरुवार को दौरे के अंतिम दिन टीम पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों से मिल सकती है। साथ ही कॉलेज का दौरा कर सकती है।