
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रदेश में यात्री परिवहन व्यवस्था विकसित करने में यात्री की सुविधा और सुगमता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। यात्रियों के लिए एप पर बस की बुकिंग, किराया भुगतान के साथ वाहन की लोकेशन, बस के आवागमन की सूचना की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। नगर निगमों द्वारा संचालित बसों, भारत सरकार द्वारा मिलने वाली ई-बसों को भी एक ही व्यवस्था के अंतर्गत सम्मिलित किया जाए।
यह भी सुनिश्चित किया जाए कि बस संचालक अपने वाहन केवल मुनाफे वाले रूट पर ही संचालित न करें। उन्हें जिन रूट के परमिट दिए गए हैं, वे वाहन उन्हीं पर चलाएं, ऐसा न करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
यह निर्देश मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मध्य प्रदेश यात्री परिवहन और इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के संचालक मंडल की बैठक में दिए। 15 साल या उससे पुरानी बसों को संचालन से हटाया जाए। अन्य राज्यों में संचालित यात्री बस सेवा व्यवस्था का अध्ययन कर उनके नवाचार को प्रदेश में अपनाने के लिए भी पहल करें। प्रदेश में संचालित होने वाली यात्री परिवहन कंपनी का लोगो डिजाइन करने के लिए प्रतियोगिता आयोजित की जाए।
इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में यात्री परिवहन व्यवस्था का संचालन उबर, ओला आपरेटरों और मोटर मालिकों के साथ सहभागी आधार पर किया जाएगा। व्यवस्था के सुगम संचालन के लिए इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम विकसित किया जा रहा है। यह प्लेटफार्म देश का प्रथम इंटीग्रेटेड साॅफ्टवेयर है, जिसमें वीकल लोकेशन ट्रेकिंग, आटोमेटिक किराया संकलन, अलर्ट माड्यूल, शिकायत निवारण जैसे 18 माड्यूल शामिल हैं।
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नई व्यवस्था के अंतर्गत यात्री परिवहन बसों का संचालन इंदौर, उज्जैन, सागर और जबलपुर क्षेत्र में किया जाएगा। शुरुआत इंदौर से होगी और इसके बाद उज्जैन से संचालन प्रांरभ होगा। इससे संबंधित सर्वेक्षण, रूट प्लानिंग, निजी आपरेटरों के साथ परामर्श किया जा रहा है। इंदौर क्षेत्र के अंतर्गत धार, झाबुआ, आलीराजपुर, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा और बड़वानी शामिल होंगे। उज्जैन क्षेत्र में देवास, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, शाजापुर और रतलाम को शामिल किया गया है।