भोपाल(नवदुनिया स्टेट ब्यूरो)। भारत सरकार के प्रमुख आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। दोनों ने प्रमुख रूप से मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कोरोना के बाद होने वाले परिवर्तनों व सुधारों पर चर्चा की। इस मौके पर सान्याल ने कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए तीन उपाय सुझाए।
आज निवास पर भारत सरकार के प्रमुख आर्थिक सलाहकार श्री @sanjeevsanyal जी ने भेंट की। मेरी उनसे मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था में पोस्ट #COVID19 परिवर्तनों एवं सुधारों के विषय में सकारात्मक और विस्तृत चर्चा हुई। pic.twitter.com/ovDojZUZE4
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 28, 2021
सान्याल देर शाम मुख्यमंत्री निवास पहुंचे। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि अर्थव्यवस्था में खपत को प्रोत्साहित करने के लिए राजकोषीय व मौद्रिक समर्थन, मांग बढ़ने के कारण बढ़ी हुई मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और कोरोना से अधिक प्रभावित क्षेत्रों को लक्ष्त कर सहायता देने पर काम करना होगा। शहरी विकास के विषय में उन्होंने बताया कि निरंतर पुनर्निवेश के अच्छे परिणाम मिलते हैं।
उन्होंने कहा कि हमें नवीन वास्तविकताओं के सर्विलांस, फीडबैक और एडॉप्टेशन की एप्रोच को अपनाना होगा। हमारे आसपास क्या हो रहा है इसी के आधार पर हमें आगे बढ़ने की जरूरत है। सान्याल ने कहा कि भारत सरकार का वर्ष 2020-21 का बजट विस्तारवादी था, जिसमें पूंजीगत व्यय, भूमि मुद्रीकरण तथा गैर रणनीतिक क्षेत्रों के निजीकरण पर जोर दिया गया। सान्याल वित्तीय क्षेत्र में करीब 20 साल का अनुभव रखते हैं। वे कई प्रसिद्ध पुस्तकों के लेखक हैं।
नवीन वास्तविकताओं के सर्विलांस, फीडबैक से ही निकलेगा विकास का रास्ता
नवीन वास्तविकताओं के सर्विलांस, फीडबैक और उनकी स्वीकार्यता जरूरी है। इसी से विकास का रास्ता निकलेगा। भारत सरकार के प्रमुख आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने यह बातें अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में असरदार परिवर्तन-टिकाऊ परिणाम में पॉलिसी मेकिंग फॉर एन अनसर्टेन पोस्ट-कोविड वर्ल्ड विषय पर आयोजित व्याख्यानमाला में कही।
उन्होंने कहा कि सर्विलांस, लगातार टेस्ट, टीकाकरण और त्वरित कार्रवाई से कोरोना की आगे आने वाली लहरों से बचा सकता है। कोरोना की पहली लहर में जानकारी अनिश्चित और अस्पष्ट थी। परिणाम स्वरूप लंबा लॉकडाउन लगाना पड़ा। लॉकडाउन खुलने के बाद अर्थ-व्यवस्था में तेजी से सुधार हुआ। दूसरी लहर स्वास्थ्य के लिहाज से ज्यादा तनावपूर्ण थी, लेकिन अर्थ-व्यवस्था के लिए उतनी गंभीर नहीं थी। अर्थ व्यवस्था में खपत को प्रोत्साहित करने के लिए राजकोषीय और मौद्रिक समर्थन, मांग बढ़ने के कारण हुई मुद्रास्फीति से निपटना और बुरी तरह से प्रभावित क्षेत्रों को लक्षित सहायता उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया। अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन नीति विश्लेषण संस्थान के वाइस चेयरमैन प्रो. सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि इन अनुभवों से मध्य प्रदेश के विकास की योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी।