राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का निवेश के लिए अगला पड़ाव पूर्वोत्तर के राज्य होंगे, जहां वे पांच अक्टूबर को गुवाहाटी में आयोजित इंटरेक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट अपार्च्युनिटीज में उद्योग जगत और निवेशकों के साथ सीधे संवाद करेंगे। सेशन को रायल भूटान काउंसलेट के काउंसिल जनरल जिग्मे थिनायल नामग्याल भी संबोधित करेंगे। मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश के निवेश के प्रमुख सेक्टर और उद्योग-अनुकूल नीतियों की जानकारी देंगे।
नए अवसर खुलेंगे
यह सेशन उत्तर–पूर्व के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों और नए सेक्टरों के निवेश को मध्य प्रदेश से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। फार्मास्यूटिकल, चाय, सीमेंट, रिन्यूएबल एनर्जी और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों के उद्योगपति इस मंच पर शामिल होंगे, जिससे दोनों क्षेत्रों में साझेदारी, निवेश और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। गुवाहाटी के साथ-साथ डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, जोरहाट, शिवसागर आदि के प्रतिनिधि इस सेशन में शामिल होंगे। शिलांग, अगरतला, आइजोल, इंफाल और कोहिमा, दीमापुर जैसे अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों के उद्योगपति भी इस संवाद में शामिल होंगे।
गुवाहाटी फार्मा और सीमेंट उद्योग का प्रमुख केंद्र है, जबकि दिब्रूगढ़, तिनसुकिया, जोरहाट और शिवसागर जैसे औद्योगिक शहरों के उद्योग प्रतिनिधि सत्र में शामिल होकर प्रदेश में निवेश के अवसर पर चर्चा करेंगे। पूर्वोत्तर राज्यों के उद्योग समूह, व्यापार संघ और निवेशक, साथ ही कोलकाता और आसपास के औद्योगिक केंद्र के प्रतिनिधि इस सत्र में शामिल होंगे।
सत्र में फिक्की असम के चेयर और धानुका ग्रुप के एमडी डॉ. घनश्याम दास धनुका, फिक्की असम के को-चेयर और बीएमजी इन्फॉर्मेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर जयदीप गुप्ता और रायल भूटान कौंसल जनरल, गुवाहाटी जिग्मे थिनल्ये नामग्याल सत्र को संबोधित करेंगे। मुख्यमंत्री निवेशकों और उद्योग प्रतिनिधियों से वन-टू-वन मीटिंग कर मध्य प्रदेश में परियोजनाओं, निवेश योजनाओं और औद्योगिक विकास के अवसरों पर सीधे संवाद करेंगे।
नए उद्योग की योजना
यह सत्र राज्य की औद्योगिक क्षमता को विस्तार देने और निवेशकों के भरोसे को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। मध्य प्रदेश पूर्वोत्तर के उद्योगपतियों के लिए निवेश का आदर्श स्थल है। असम और अन्य राज्यों में फैले फार्मा हब, सीमेंट यूनिट्स, टी-रिसर्च और प्लांटेशन, लॉजिस्टिक केंद्र और पेट्रोकेमिकल्स जैसी सुविधाओं के साथ मध्य प्रदेश निवेशकों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक और भरोसेमंद वातावरण प्रदान करता है। वहीं मध्य प्रदेश ने उद्योग-अनुकूल नीतियां और क्लस्टर आधारित विकास मॉडल तैयार किए हैं, जिससे निवेशक अपने नए उद्योग की योजना को तेजी से क्रियान्वित कर सकते हैं।