भोपाल (नईदुनिया स्टेट ब्यूरो)। राजधानी भोपाल की बदहाल सड़कों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को समीक्षा बैठक में जमकर नाराज हुए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आखिर यह नौबत ही क्यों आई। अभी तक आप लोग क्या कर रहे थे। जब अधिकारियों ने सड़कों के सुधार कार्य की स्थिति बतानी चाहिए तो उन्होंने टोकते हुए कहा कि बहाना नहीं चाहिए। पहले काम कराने का क्यों नहीं सोचा। इतनी सारी एजेंसियां आखिर करती क्या हैं। जब यह बताया गया कि राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) भी सड़कों का काम देखता है तो उन्होंने कहा कि इसे तत्काल खत्म करो। इसकी कोई जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री की नाराजगी को देखते हुए बैठक में अधिकारी सन्न् रह गए।
मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में विशेष रूप से भोपाल की सड़कों को लेकर समीक्षा बैठक बुलाई थी। इसमें मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई, भोपाल के संभागायुक्त कवींद्र कियावत, कलेक्टर अविनाश लवानिया सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि भोपाल की सड़कों की यह दुर्दशा क्यों है। सड़कों पर गड्ढों का होने और तुरंत मरम्मत के काम नहीं होने पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह स्थिति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सड़कों के जो हाल हैं वो सबको नजर आ रहे हैं। निर्माण एजेंसियां सड़क, सीवेज सहित काम करने के लिए सड़क की खोदाई करती हैं पर उन्हें सुधारने में काफी समय लगा देती हैं। इससे जनता को असुविधा का सामना करना पड़ता है। सड़क कहीं खराब न पड़ी रहे, इसके लिए मुख्य कार्य के साथ-साथ ही सुधार का काम भी सुनिश्चित कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने यूं जताई नाराजगी
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लोग कुछ करते हैं या नहीं। कोई तालमेल है कि नहीं है। कौन सी एजेंसी कहां काम कर रही है। यह नौबत क्यों कि रोज गड्ढे गिनो। संभागायुक्त कवींद्र कियावत ने इसका जवाब देते हुए कहा कि भोपाल में पिछले दिनों सीवेज और वाटर लाइन के साथ-साथ मेट्रो का काम भी चला। इस पर मुख्यमंत्री ने टोकते हुए कहा कि कोई बहाना मत गिनाएं। यह तो बहुत अच्छा तरीका है कि यह हो गया या वो हो गया और खेल खत्म। जब उन्होंने बताया कि संधारण का काम भी अब हम शुरू कर रहे हैं तो मुख्यमंत्री ने फिर कहा कि यह पहले क्यों नहीं सोचा कि उन कामों के साथ-साथ करें। यह क्यों नहीं किया।
मैं जिम्मेदारी तय करूंगा- मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं जिम्मेदारी तय करूंगा कि कौन सी सड़क लोक निर्माण की है और कौन सी किसकी है। उन्होंने पूछा कि किसके पास कितनी सड़के हैं। प्रमुख सचिव लोक निर्माण नीरज मंडलोई ने बताया कि चार एजेंसियां (लोक निर्माण, राजधानी परियोजना प्रशासन, नगर निगम और भोपाल विकास प्राधिकरण) हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चार क्यों हैं तो अधिकारियों ने जैसे ही बताया कि परंपरागत रूप से सबके पास सड़कें हैं तो उन्होंने मुख्य सचिव की ओर रुख करते हुए कहा कि परंपरा बदल दो। आज तत्काल इसी समय से सीपीए समाप्त। कोई सीपीए की जरूरत नहीं है।