
भोपाल (राज्य ब्यूरो)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अभिजात्य वर्ग में आने वाले करीब 10% लोग नहीं चाहते हैं की शिक्षा का माध्यम हिंदी हो। उन्हें अपने बच्चों की चिंता हो रही है। यह बात उन्होंने भारत भवन में हिंदी की व्यापकता पर आयोजित एक परिचर्चा में कहीं। उन्होंने हंसते हुए कहा कि डाक्टर भी अपने पर्चे में ऊपर 'श्रीहरी' लिख कर नीचे हिंदी में क्रोसिन लिख दें। रविवार को लाल परेड मैदान में मेडिकल में हिंदी की पढ़ाई के शुभारंभ के एक दिन पहले यह परिचर्चा आयोजित की गई थी। इसमें चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और महापाैर मालती राय के अलावा के हिंदी के जाने-माने विद्वान शामिल भी हुए। उन्होंने महापौर मालती राय से यह भी कहा कि शहर में दुकानों के ऊपर लगे बोर्ड हिंदी में लिखे जाएं भले ही उसके नीचे दूसरी भाषा का उपयोग हो।
सीएम शिवराज ने कहा कि हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई के रूप में एक नये युग का प्रारंभ हो रहा है, वो भी भोपाल से हो रहा है। जहां चाह होती है वहां राह होती है। प्रधानमंत्री जी ने मातृभाषा में शिक्षा का आव्हान किया। भोपाल में कई उल्लेखनीय कार्य हुए, स्वच्छता में भी भोपाल ने बाजी मारी, देश की सबसे स्वच्छतम राजधानी भोपाल है। हिंदी के बारे में व्यापक विमर्श करना चाहिए। इस विमर्श में आज पूरा भोपाल बैठा है, समाज का हर वर्ग बैठा है, इसमें हमारे चिकित्सक मित्र, अस्पताल और मेडिकल कॉलेज संचालक भी बैठे हैं। हिन्दी विश्वविद्यालय, मध्यप्रदेश गीत और पाणिनी संस्कृत विश्वविद्यालय, विश्व हिन्दी सम्मेलन भोपाल में हो; यह हिन्दी के प्रति हमारे प्रेम का परिणाम है। आज मैं यह कहते हुए प्रसन्न हूं कि यह एक सामाजिक क्रांति है। प्रधानमंत्री जी ने जिम्मा सौंपा और हम पूरे समर्पण भाव के साथ जुट गए। मानस में इसका परिवर्तन दिखाई दे रहा है। मैंने जब हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई की बात कही, तो लोगों ने कहा कि असंभव है। मैंने कहा कि मेरे शब्दकोश में असंभव शब्द नहीं है और अंतत: यह संकल्प सिद्ध हो रहा है। मैं अंग्रेजी भाषा का विरोधी नहीं हूं, कोई भाषा के रूप में इसे सीखे, मुझे कोई आपत्ति नहीं है। हमारे बच्चों में प्रतिभा है, क्षमता है, योग्यता है। कोई कमी नहीं है, केवल अंग्रेजी भाषा नहीं जानने के कारण कुंठित हो जायें, कोई यह समझे कि मेरी जिंदगी बेकार है, तो मैं यह समझता हूं कि ऐसी अंग्रेजी को धिक्कार है।
यहां के बाद मुख्यमंत्री गांधी मेडिकल कालेज के पुस्तकालय में पहुंचे, जहां पर चिकित्सा की किताबों का हिंदी में रूपांतरण हो रहा है।
भारत भवन, #Bhopal में आयोजित 'हिन्दी विमर्श' कार्यक्रम। https://t.co/izewIrCZ7q
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) October 15, 2022
