भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि ग्वालियर-चंबल अंचल में आई बाढ़ में हम भारतीय वायुसेना के हेलीकाप्टर, सेना के जवानों और एसडीआरएफ व एनडीआरएफ के जवानों की बदौलत 8 हजार से ज्यादा लोगों की जिंदगी बचाने में सफल हुए। 32,900 लोग इस दौरान ऊंचे स्थान पर पहुंचाए गए। हमने जान बचा ली लेकिन माल नहीं बचा पाए। गृहस्थी उजड़ गई, दुकानों और घर में रखा सामान नष्ट हुआ, काम-धंधे चौपट हो गए। मेरे बहनों और भाइयों, निराश होने की ज़रूरत नहीं है, हम तत्काल राहत के कार्य में लग गए हैं।
#MadhyaPradesh की जनता के नाम संदेश। https://t.co/2KHcXDzoS6
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) August 8, 2021
बाढ़ में जिनके घर नष्ट हुए उन्हें तात्कालिक राहत में 6 हजार रुपये देंगे
सीएम शिवराज ने कहा कि मैंने 12 मंत्रियों की टास्क फोर्स बनाई है। सारे प्रमुख विभाग के अफसर इसमें सम्मिलित हैं। राहतकार्य, पुनर्वास, पुनर्निर्माण के लिए मैं और अधिकारियों की टीम जुटेगी। क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी भी सहयोग देंगी। हमने कोशिश की कि जिनका सब कुछ उजड़ गया है, उनको भोजन मिल जाए। भोजन की व्यवस्था, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, यह हमारी प्राथमिकता है,हम उसमें लगे हुए हैं। हमने तय किया कि जो नियमित राशन मिलता है, उसके अतिरिक्त बाढ़ पीड़ितों को 50 किलो राशन और दे दिया जाए। जिनके घर पूरी तरह से नष्ट हो गये हैं, उनको 6 हजार रुपये तात्कालिक राहत के रूप में दिये जाएंगे, ताकि वे चाहें तो किराये के मकान में रह सकें या उससे तिरपाल आदि की व्यवस्था कर लें। जिनका अनाज, सामान नष्ट हो गया है, सर्वे करके उसके लिए भी राहत की राशि आरबीसी 6-4 के अंतर्गत देंगे।
मृतकों के परिजनों को 4 लाख की सहायता
सीएम शिवराज ने कहा, जिनके मकान ढह या पूर्णत: नष्ट हो गये हैं, उनके मकान बनाने के लिए पीएम आवास योजना की तर्ज पर उतने रुपये देने की हम व्यवस्था कर रहे हैं। यदि बाढ़ के कारण किसी भाई-बहन की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हो गई होगी, तो उनके परिजनों को 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
दुधारू पशुओं के लिए 30 हजार रुपये
यदि दुधारू पशु बह गए होंगे, तो 30 हजार रुपये एवं गैर दुधारू पशुओं के लिए 25 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। इसके अलावा बकरी और उसके बच्चे के लिए क्रमश: 3 हजार और ढाई सौ रुपये तथा मुर्गा-मुर्गी के लिए 60 रुपये की राशि राहत के तौर पर दी जाएगी। फसलों एवं दुकानों में रखे सामान की क्षति का भी आकलन करके उसके लिए भी राहत राशि दी जाएगी। सीएम ने कहा कि अगर किसी मछुआरे भाई की नाव बह या पूरी तरह से नष्ट हो गई होगी, तो उसके लिए 12 हजार रुपये तथा चाल जैसी किसी चीज के बहने या नष्ट होने पर 4 हजार रुपये राहत के तौर पर दिए जाएंगे।
संकट के पार निकालकर ले जाएंगे
सीएम ने कहा कि हम बिजली की व्यवस्था, सड़कों की मरम्मत, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था में संबंधित विभाग युद्धस्तर पर लगे हैं। हर तरह की आवश्यक व्यवस्था बनाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मैं जानता हूं कि आपका दु:ख बड़ा है, दर्द गहरा है, सरकार के लिए भी चुनौती बड़ी है, लेकिन हमारा हौसला भी बड़ा है। परेशानी आई, तकलीफ बड़ी है, लेकिन इस संकट के पार हम आपको निकालकर ले जाएंगे। मैं सभी समाजसेवियों, दानदाताओं से अपील करना चाहता हूं कि पीड़ित मानवता की सेवा सबसे बड़ा पुण्य है। परहित सरिस धरम नहीं भाई, इसलिए आप जो भी अपने पीड़ित भाइयों के लिए भोजन, बर्तन, कपड़े जो भी सहयोग कर सकते हैं, अवश्य कीजिए। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं बाढ़ प्रभावित अपने भाई-बहनों से कहना चाहता हूं कि निराश मत होना, आंखों में आंसू मत लाना, घबराना मत, हम आपके साथ हैं। आपके साथ सरकार, प्रशासन और समाज खड़ा है। हम सब साथ हैं, इस संकट के पार जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj निवास से वी.सी. के माध्यम से बाढ़ग्रस्त श्योपुर, दतिया, भिंड, अशोकनगर, गुना, मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी जिला प्रशासन और क्राइसिस मैनेजमेंट टीम के साथ बैठक में भाग ले रहे हैं। pic.twitter.com/UbvB4DmcpZ
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) August 8, 2021
सीएम ने जानी बाढग्रस्त इलाकों की स्थिति
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने निवास से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ग्रस्त श्योपुर, दतिया, भिंड, अशोकनगर, गुना, मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी जिला प्रशासन और क्राइसिस मैनेजमेंट टीम के साथ बैठक ली। बाढ़ प्रभावित इलाकों में भोजन हेतु आटे का आर्डर दिया जा चुका है, इसके साथ ही ग्रामीण अंचलों में मध्यान्ह भोजन बनाने वाली टीम द्वारा भोजन बनाने की व्यवस्था की जा रही है। बाढ़ प्रभावित लोगों को 7 राहत कैम्पों में ठहराया गया है। यहां पर गद्दे, भोजन, पेयजल आदि की समुचित व्यवस्था की गयी है। शासन स्तर पर आज 18000 खाने के पैकेट बांटे गए हैं, 15000 खाने के पैकेट कल बांटे गए थे। शासन स्तर के अलावा इतनी ही संख्या में समाजसेवियों द्वारा भोजन पैकेट वितरित किए जा रहे हैं।