नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। कोलार क्षेत्र में आरक्षक के विवाहित महिला को घर से भगा ले जाने के मामले में पुलिस ने अब उस महिला के पति के खिलाफ ही केस दर्ज कर लिया है, जबकि कदाचार के आरोपित आरक्षक पर न तो कोई आपराधिक केस हुआ है और न ही कोई विभागीय कार्रवाई। इसके विपरित मामला बढ़ता देख आला अधिकारियों ने कोलार थाने में पदस्थ आरक्षक का ट्रांसफर छोला मंदिर थाने में कर दिया है। इधर विवाहित पुलिसकर्मी का कदाचार और फिर वरिष्ठ अधिकारियों का मिल रहा संरक्षण पुलिस की छवि को धूमिल कर रहा है।
कोलार क्षेत्र के हिनौतिया आलम निवासी युवक का कहना है कि उसकी पत्नी घरेलू विवाद के मामलों की सुलह के लिए गठित शक्ति समिति की सदस्य थी, जिसके चलते आए दिन उसका कोलार थाने में आना-जाना होता था। इसी दौरान वह थाने में पदस्थ सिपाही गिरीराज सिंह के संपर्क में आई।
युवक ने बताया कि वह वर्तमान में पूर्व मंत्री दीपक जोशी के घर की कार चलाता है, जिसके चलते अक्सर घर से बाहर होता है। पिछले दिनों उसे दोनों के रिश्तों की जानकारी मिली, जिसके बाद वह 16 जुलाई को गिरीराज सिंह के कोलार स्थित किराये के कमरे पर पहुंचा, जहां बेटे ने दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में देखा।
आरोप है कि गिरीराज ने उससे मारपीट शुरू कर दी। साथ ही पुलिस को फोन कर बुलाया और झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। पीड़ित ने बताया कि उसने कोलार थाना प्रभारी को इसका लिखित आवेदन दिया था, लेकिन उन्होंने उसकी रसीद ही नहीं दी। जिसके बाद युवक ने जनसुनवाई और सीएम हेल्पलाइन में इसकी शिकायत की थी। युवक का आरोप है कि उसकी सुनवाई की बजाए उस पर ही केस दर्ज कर दिया है। उसका यह भी आरोप है कि केस में उसके तीन भाईयों को भी आरोपित बनाया गया है, जबकि वे घटना के समय वहां मौजूद ही नहीं थे।
आरक्षक और युवक की पत्नी के साथ रहने के सबूत नहीं मिले हैं। युवक आरक्षक के घर खुद गया था, वीडियो में आरक्षक से मारपीट और अभद्रता की पुष्टि हुई थी, इसलिए केस दर्ज किया गया है- जितेंद्र पंवार, डीसीपी जोन-4।