
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में अब पांच वर्ष की सेवा पूरी कर चुके संविदा कर्मचारी भी वन रक्षक बन सकेंगे। वन विभाग ने मप्र तृतीय श्रेणी (अलिपिक वर्गीय) वन सेवा भर्ती नियम-1999 में संशोधन किया है। अभी तक वनरक्षक पदों पर संविदा कर्मचारियों को नियुक्ति नहीं दी जाती थी और न ही शासन के आदेश अनुसार 50 प्रतिशत अंक की छूट दी जाती थी, लेकिन अब अलिपिक सेवा भर्ती नियम में सात वर्ष बाद संशोधन कर यह प्रविधान कर दिए गए हैं। संविदा कर्मचारी 55 वर्ष की आयु तक इस नियुक्ति के लिए पात्रता होंगे।
कुल पदों में 50 प्रतिशत पदों में ही उन्हें नियुक्ति दी जा सकेगी। आरक्षण सुविधा का लाभ एक बार ही मिलेगा। नियमित नियुक्ति की दशा में, संविदा कर्मचारी-अधिकारी को पूर्व की संविदा सेवाओं का लाभ नहीं मिलेगा। नियमित पदों के विरुद्ध नियुक्ति प्रकिया में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण नियमों का पालन किया जाएगा। वन रक्षक के पद पर भर्ती के लिए अभ्यर्थियों को योग्यता के अनुसार शारीरिक माप और पैदल चाल परीक्षण के लिए बुलाया जाएगा।
संविदा कर्मी यदि एक से अधिक संविदा पदों पर नियुक्त रहा हो तो जिस समकक्ष नियमित पद पर वह नियुक्ति के लिए आवेदन करता है, उसके बराबर या उच्चतर संविदा पर वह जितने वर्ष कार्यरत रहा, उतने वर्ष की छूट उसे निर्धारित अधिकतम 55 वर्ष तक आयु सीमा में मिलेगी। वनरक्षक के पद पर भर्ती में होमगार्ड स्वयं सेवी सैनिकों के लिए आरक्षित 30 प्रतिशत और भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित 10 प्रतिशत पदों पर क्षैतिज आरक्षण लागू होगा। कुल रिक्तियों का एक प्रतिशत पद राष्ट्रीय/ अंतरराष्ट्रीय उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए आरक्षित रहेंगे। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडेय ने कर्मचारीहित के इस निर्णय लिए सरकार का आभार व्यक्त किया है।
मप्र तृतीय श्रेणी (अलिपिक वर्गीय) वन सेवा भर्ती नियम में संशोधन के बाद गर्भवती महिला अपात्र नहीं की जाएंगी। प्रसव के बाद उसे शारीरिक परीक्षण की प्रक्रिया से गुजरना होगा। शारीरिक परीक्षण के परिणाम स्वरूप कोई महिला अभ्यर्थी यदि 12 सप्ताह या उससे अधिक की अवधि की गर्भवती पाई जाती है, तो बच्चे के जन्म होने तक उसे अस्थाई रूप से अनुपयुक्त घोषित किया जाएगा। प्रसूति की तारीख से छह सप्ताह बाद डाक्टर का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने पर उपयुक्तता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए उसका पुनः परीक्षण किया जाएगा।