Corona Third Wave: भोपाल (राज्य ब्यूरो)। प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना के मामलों को लेकर नगरीय विकास एवं आवास विभाग के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सरकार ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं। बिस्तरों की संख्या बढ़ाई गई है। बच्चों के अलग वार्ड बनाए गए हैं। डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती चल रही है।
भूपेंद्र सिंह मीडिया से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सतर्कता बरतने को कहा है। सरकार की कोशिश है कि सितंबर के आखिर तक पहला और अक्टूबर के बीच तक दूसरे डोज का लक्ष्य पूरा कर लिया जाए। डेंगू की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री खुद निकलेंगे और लोगों को जागरूक करेंगे।
जनदर्शन यात्रा पर कांग्रेस के आरोपों पर कहा कि जनदर्शन यात्रा वही कर सकते हैं जो जनता के बीच में लोकप्रिय हो। शिवराज जी प्रदेश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं और इसीलिए उनके जनदर्शन यात्रा में हजारों लोग शामिल होते हैं। कांग्रेस नेताओं को फुर्सत मिले तब वे जनता के बीच में जाए। वे तो ड्राइंग रूम पालिटिक्स करते हैं। उन्होंने कभी जमीनी राजनीति नहीं की है। प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के कांग्रेस के आरोपों पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सपने देखने से कोई भी नहीं रोक सकता है।
पुलिस हिरासत में खंडवा और खरगोन जिलों में हुई मौतों पर भूपेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। जांच की जा रही है। नगरीय निकाय चुनाव में आरक्षण के मामले पर स्पष्ट किया कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है। वहां से निर्णय आने के बाद सरकार आगे की कार्रवाई करेगी।
कांग्रेस का आरोप : कोरोना मृत व्यक्तियों के स्वजन को नहीं मिली आर्थिक सहायता
प्रदेश में कोरोना से मृत्य व्यक्तियों के स्वजन को अनुग्रह सहायता की राशि अब तक नहीं मिली है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना महामारी से मृत्य व्यक्तियों के स्वजन को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी। यह आरोप पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने लगाया है।
पूर्व मुख्यमंत्री द्वाराजजारी बयान में कहा गया कि सरकार ने वाहवाही लूटने के लिए घोषणाएं तो करती हैं पर उन्हें पूरा करने के लिए गंभीरता नहीं दिखाती है। मई 2021 में कोरोना महामारी से मृत व्यक्तियों के स्वजन को एक लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की गई थी लेकिन अब तक इसका स्वरूप ही तय नहीं हुआ है। सरकार कुप्रबंधन की वजह से हुई मृत्यु की वजह कोरोना मानने के लिए तैयार नहीं है। जबकि, सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना महामारी की वजह से मृत्यु के मामलों में सहायता राशि देने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि कोरोना से मृत व्यक्तियों के स्वजन के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए शपथ पत्र के आधार पर ही सहायता राशि वितरित कराई जाए।
महाराजा कालेज का छत्रसाल विश्वविद्यालय में संविलियन का निर्णय वापस लें
उन्होंने प्रदेश सरकार से छतरपुर के 130 साल पुराने महाराजा कालेज का महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में संविलियन करने के निर्णय को वापस लेने की मांग की है। स्थानीय नागरिक इस फैसले के खिलाफ हैं, इसलिए निर्णय वापस लिया जाए।