भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार बीते चार सालों में बच्चों के खिलाफ दर्ज अपराधों की संख्या में 20 फीसदी की वृद्धि हुई है। इस दौरान 21 हजार 573 बाल अपचारियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें 35.3 प्रतिशत मामले पाक्सो अधिनियम, 2012 के तहत दर्ज किए गए हैं। वास्तविक मामलों की संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है, क्योंकि बच्चों के खिलाफ कई सारे मामले दर्ज ही नहीं किए जाते। यह बात शुक्रवार को होटल राजधानी के अशोका लेकव्यू में आयोजित एक कार्यक्रम में जारी रिपोर्ट में सामने आई। कार्यक्रम में बच्चों के क्षेत्र में काम कर रही छह संस्थाओं ने अपने अनुभव और देशभर में दर्ज मामलों के आधार पर किए गए एक संयुक्त एसवीएसी (सेक्सुअल वायलेंस अगेंस्ट चिल्ड्रन) स्टडी साझा की।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान थे। साथ ही इस कार्यक्रम में अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान की सीनियर एडवाइजर ऋचा मिश्रा, यूनिसेफ की स्मिता शेंडे, चाइल्ड लाइन डायरेक्टर अर्चना सहाय समेत विभिन्ना संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इसमें बच्चों के हित में बाल कल्याण समितियों एवं अन्य स्टेक होल्डर संस्थाओं की स्ट्रेंथ को बढ़ाकर उन्हें ताकतवर बनाने का सुझाव दिया गया। साथ ही बच्चों से संबंधित अपराधों का डाटा अलग से संग्रहित करने और उन पर त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। ताकि उचित और त्वरित कदम उठाए जा सकें। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में मानिटरिंग एजेंसी और कमेटी को सशक्त बनाने का प्रस्ताव दिया गया।
Posted By: Ravindra Soni
- # Crime News
- # Crime Against children
- # Child crime
- # Child criminal
- # NCRB
- # POCSO Act
- # Bhopal News in Hindi
- # Bhopal Latest News
- # Bhopal Samachar
- # MP News in Hindi
- # Madhya Pradesh News
- # भोपाल समाचार
- # मध्य प्रदेश समाचार