मप्र के पुलिस आरक्षक भर्ती फर्जीवाड़े में साइबर मुख्यालय ने भी शुरू की जांच -9 जिलों में 32 एफआईआर
इस मामले में अभी तक नौ जिलों में 32 एफआईआर पंजीबद्ध की गई हैं, 46 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें अभ्यर्थी, साल्वर और कियोस्क संचालक शामिल हैं। आशंका है कि अन्य राज्यों की दूसरी परीक्षाओं में भी इस तरह फर्जीवाड़ा हुआ हो, इस कारण साइबर धोखाधड़ी की दृष्टि से जांच महत्वपूर्ण है।
Publish Date: Wed, 09 Jul 2025 09:26:37 PM (IST)
Updated Date: Wed, 09 Jul 2025 09:34:36 PM (IST)
मध्य प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती में बड़ा घोटाला। प्रतीकात्मक तस्वीरHighLights
- आशंका है कि अन्य राज्यों की दूसरी परीक्षाओं में ऐसा हुआ होगा।
- इस कारण साइबर धोखाधड़ी की दृष्टि से इसकी जांच महत्वपूर्ण है।
- कियोस्क में ऑपरेटर का भी बायोमैट्रिक सत्यापन किया जाता है।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। आधार कार्ड में बायोमैट्रिक बदलाव के जरिए साल्वर बैठाकर मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में चयनित होने वाले अभ्यर्थियों पर जांच की शिकंजा कसता जा रहा है। इस फर्जीवाड़े की जांच साइबर पुलिस मुख्यालय ने भी प्रारंभ कर दी है। आधार कियोस्क संचालकों ने जिस तरह से किसी ऑपरेटर की आंख और फिंगर प्रिंट का क्लोन तैयार कर आधार अपडेट किए हैं, इसी तरह से बायोमैट्रिक अपडेट कराने में अभ्यर्थियों और साल्वरों ने फर्जीवाड़ा किया है। इन कारणों से आईटी एक्ट के अंतर्गत भी जांच प्रारंभ की गई है।
अभी तक यह हुआ है
- बता दें कि इस मामले में अभी तक नौ जिलों में 32 एफआईआर पंजीबद्ध की गई हैं।
- 46 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें अभ्यर्थी, साल्वर और कियोस्क संचालक शामिल हैं।
- आशंका है कि अन्य राज्यों की दूसरी परीक्षाओं में भी इस तरह फर्जीवाड़ा हुआ हो, इस कारण साइबर धोखाधड़ी की दृष्टि से जांच महत्वपूर्ण है।
- किसी व्यक्ति का आधार कार्ड अपडेट कराने के लिए कियोस्क में ऑपरेटर का भी बायोमैट्रिक सत्यापन किया जाता है।
- वह अपनी आंख और फिंगर प्रिंट से ही लागिन कर पाता है।
- फर्जीवाड़े के आरोपित कियोस्क संचालकों ने इस पहचान की क्लोनिंग करा ली।
- इस आधार पर सिस्टम में एंट्री की।
- इसके बाद क्लोनिंग वाले ऑपरेटर के फोन पर आया ओटीपी पूछकर लागिन कर लिया।
अभ्यर्थी और साल्वर दोनों का फिंगर प्रिंट लिया
- आधार बायोमैट्रक अपडेट कराने के लिए अभ्यर्थी और साल्वर दोनों को कियोस्क में बुलाया गया। कुछ फिंगर अभ्यर्थी और कुछ साॅल्वर के लिए। इसे समिट कर दिया।
- 70 प्रतिशत तक मिलान होने पर यूआइडीएआई का सिस्टम भी अपडेट स्वीकार कर लेता है।
- इस आधार पर अभ्यर्थी के नाम के साथ साल्वर का फिंगर प्रिंट अटैच कर दिया, जिससे मुख्य परीक्षा में अभ्यर्थी की जगह साल्वर बैठ सका।
- ज्वाइनिंग के पहले यही प्रक्रिया अपनाकर अभ्यर्थी के साथ उसी के बायोमैट्रिक जोड़ दिए गए। इन सब मामलों की साइबर पुलिस जांच करेगी।