
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया उम्मीद के मुताबिक गति नहीं पकड़ पा रही है। जिलों से मिल रही जानकारी के अनुसार गणना पत्रक का डिजिटाइजेशन अब तक मात्र 10 प्रतिशत ही हो सका है, जबकि प्रमुख जिले ग्वालियर, इंदौर और भोपाल में स्थिति और भी चिंताजनक है, जहां यह कार्य सिर्फ पांच प्रतिशत के आसपास पहुंच पाया है। इस धीमी प्रगति को लेकर भाजपा मप्र की निर्वाचक नामावली विशेष गहन पुनरीक्षण प्रदेश स्तरीय टोली ने गंभीर चिंता जताई है।
मंगलवार को टोली के प्रदेश संयोजक एवं विधायक भगवानदास सबनानी, प्रदेश मंत्री व सह-संयोजक रजनीश अग्रवाल और एसएस उप्पल ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव कुमार झा को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि बीएलओ द्वारा मतदाताओं को दिए गए गणना पत्रक भरने में अपेक्षित तत्परता नहीं दिखाई गई। इसी कारण प्रदेश में डिजिटाइजेशन की गति बेहद धीमी है।
गणना पत्रक, साथ ही फार्म 6, 7 और 8 का वितरण एवं संग्रहण चार दिसंबर तक पूरा करना अनिवार्य है। प्रदेश में कुल 5.74 करोड़ मतदाताओं के लिए इन पत्रकों के मुद्रण व वितरण का कार्य निर्वाचन आयोग द्वारा 15 दिनों में पूरा किया जाना है। अब केवल 15 दिन शेष होने के बावजूद संग्रहण और डिजिटाइजेशन दोनों की रफ्तार चिंताजनक रूप से धीमी है।
टोली के पदाधिकारियों ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से आग्रह किया कि जिलों के कलेक्टर, जिला निर्वाचन अधिकारी एवं ईआरओ को स्पष्ट निर्देश दिए जाएं कि वे निर्धारित समयसीमा में लक्ष्य पूरा करें। ताकि कोई भी वैध मतदाता निर्वाचन नामावली में शामिल होने से वंचित न रह जाए।