Delta Plus Variant in Bhopal: भोपाल( नवदुनिया प्रतिनिधि)। कोरोना की दूसरी लहर अभी धीमी पड़ी थी कि प्रदेश में कोरोना के नए वैरिएंट की दस्तक ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की नींद उड़ा दी है। भोपाल में कोरोना का नया वैरिएंट डेल्टा प्लस मिला है। यह दूसरी लहर में आंतक मचाने वाले डेल्टा वैरिएंट (बी.1.617.2) का ही बदला स्वरूप है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस पर मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल दवा का भी असर नहीं होगा। दो दवा कंपनियों ने हाल ही में यह कॉकटेल इंजेक्शन बनाया था। उम्मीद की जा रही थी कोरोना के इलाज में यह बेहद कारगर होगा।
गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) भोपाल से इस महीने 15 सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। मंगलवार को आई रिपोर्ट में एक सैंपल में वायरस का डेल्टा प्लस वैरिएंट मिला है। बाकी में डेल्टा और अन्य वैरिएंट हैं। हालांकि, नया वैरिएंट मिलने की अधिकारी पुष्टि नहीं कर रहे हैं। भोपाल के सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने कहा कि रिपोर्ट अभी उन्होंने देखी नहीं है, इसलिए कुछ नहीं कह सकते।
देश में सिर्फ छह मामले, घबराने की जरूरत नहीं
'नवदुनिया" से बातचीत में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के डायरेक्टर डॉ. सुजीत कुमार सिंह ने कहा कि देश में अभी सिर्फ छह मामले सामने आए हैं। दुनिया में 150 से कम मामले हैं। यह डेल्टा वैरिएंट ही है। अभी यह कहना गलत होगा कि यह डेल्टा प्लस ज्यादा संक्रामक या घातक है। इसकी वजह यह कि देश में अभी सिर्फ छह मामले मिले हैं। इस आधार पर कोई निष्कर्ष निकालना ठीक नहीं हैं। उन्होंने बताया कि तमिलनाडु समेत कुछ राज्यों में डेल्टा प्लस के मामले सामने आए हैं।
मप्र में अब तक मिले वैरिएंट
माह , वैरिएंट का नाम और कितने सैंपल में मिला
माह -- बी.1.1.7--बी.1.617-- अन्य--कुल
फरवरी के पहले--5--5--30--40
फरवरी--65--5--159--229
मार्च--231--79--82--392
अप्रैल--1--97--53--151
मई--0--93--107--200
नोट- कुल 1068 सैंपल जांच के लिए एनसीडीसी भेजे गए थे, जिनमें 1012 में वैरिएंट मिले हैं।
डेल्टा प्लस वैरिएंट के देश में अभी बहुत कम मामले सामने आए हैं, लेकिन संक्रमण बढ़ने में देर नहीं लगती। इस पर मानोक्लोनल एंटीबॉडी से भी फायदा नहीं होता। हो सकता है, वैक्सीन का असर भी न हो। एम्स में भी जीनोम सिक्वेंसिंग की जाती है। डेल्टा वैरिएंट तो फरवरी में ही मिल गया था, लेकिन डेल्टा प्लस अभी एम्स में जीनोम सिक्वेंसिंग में नहीं मिला है।