
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रदेश में सुशासन को लेकर कई दावे किए जाते हैं। आमजन की समस्या के समाधान के लिए अभियान भी चलाए जाते हैं लेकिन सीएम हेल्पलाइन को देखें तो ऐसा नहीं लगता है कि जमीनी स्तर पर समस्याओं का निराकरण हो रहा है। यही कारण है कि लोग अंतिम विकल्प के तौर पर सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करते हैं। अभी भी यहां सवा छह लाख शिकायतें अलग-अलग स्तर पर लंबित हैं। राजस्व, नगरीय विकास, ग्रामीण विकास, ऊर्जा, स्वास्थ्य, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी जैसे विभागों की सेवाओं से जुड़ी शिकायतें अधिक हैं।
प्रदेश में राजस्व के मामलों का निराकरण करने के लिए तीन बार महाभियान चलाया जा चुका है। इसमें लाखों अविवादित प्रकरणों का निराकरण भी हुआ लेकिन स्थिति में अधिक सुधार नहीं आया है। यही कारण है कि नवंबर-दिसंबर को ही देखें तो 57,809 शिकायतें आईं। इनमें अधिकतर नामांतरण और सीमांकन से जुड़ी हैं। इसी तरह ग्रामीण विकास में पंचायत में काम न होने, प्रधानमंत्री आवास सहित अन्य योजना, ऊर्जा विभाग की शिकायत में बिजली कटौती, वोल्टेज, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग पेयजल आपूर्ति और स्वास्थ्य विभाग में डाक्टरों की उपस्थिति समेत योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ नहीं मिलने की शिकायतें हैं।
मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव समाधान ऑनलाइन में कह चुके हैं कि छोटी-छोटी जरूरतों को लेकर सीएम हेल्पलाइन में शिकायतें आती हैं। यहां तक मामले आ रहे हैं, तो यह गंभीर बात है। आप क्यों हों। व्यवस्था में सुधार करें, वर्ना कार्रवाई होगी। आवेदकों की समस्याएं जिला स्तर पर ही निराकृत होनी चाहिए।
सरकार सीएम हेल्पलाइन सेवा को और प्रभावी बनाने जा रही है। अब जबरन शिकायत बंद करने से पहले एक नई श्रेणी एल-5 यानी मुख्य सचिव या अपर मुख्य सचिव के पास मामले जाएंगे। ये शिकायत का समाधान करेंगे। यदि किसी कारण से ऐसा नहीं हो पा पाता है तो शिकायत बंद करने से पहले शिकायतकर्ता को बताया जाएगा कि उसे क्यों बंद किया जा रहा है।
विभाग- शिकायतराजस्व- 57,809
ग्रामीण विकास- 44,993
ऊर्जा- 43,182
गृह- 41,775
नगरीय विकास एवं आवास- 39,892
स्वास्थ्य- 26,742
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी- 16,425
कृषि-10,468
इनमें सबसे कम
महिला एवं बाल विकास- 5,789
श्रम- 5,535
जल संसाधन- 5,358
उच्च शिक्षा- 3,118
लोक निर्माण- 2,277
जनजातीय कार्य- 1981
सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम- 112
जिलेवार शिकायतों की स्थिति
इंदौर 13,413
भोपाल 13,340
ग्वालियर 12,930
मुरैना 12,389
शिवपुरी 12,371
राजगढ़ 12,316
जबलपुर- 10,930
विदिशा 10,360
रीवा 10,102
उज्जैन- 9,421