भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। राजधानी भोपाल के सीबीएसई स्कूलों में ऑनलाइन शैक्षणिक सत्र की शुरुआत कर दी गई है। ऑनलाइन कक्षाएं शुरू हो गई हैं। जिन बच्चों की पिछले सत्र की फीस जमा नहीं है, उन बच्चों को रिजल्ट नहीं दिया जा रहा है। ऐसे बच्चों को अगली कक्षा की ऑनलाइन पढ़ाई में भी शामिल नहीं होने दिया जा रहा। इससे अभिभावक परेशान हैं। राजधानी के करीब 50 से अधिक अभिभावकों ने सीएम हेल्पलाइन, स्कूल शिक्षा मंत्री से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) और मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पास शिकायत की है। इसमें विंध्याचल अकादमी और मदर टेरेसा स्कूल के कुछ अभिभावकों ने सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की है। स्कूलों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है, इसलिए बच्चे ऑनलाइन कक्षा से वंचित हैं।
पढ़ाई से वंचित नहीं कर सकते स्कूल
मप्र शासन ने एक मार्च को आदेश जारी किया था कि किसी भी बच्चे को फीस नहीं देने के नाम पर उसे परीक्षा देने से वंचित नहीं किया जा सकता, न ही उसका रिजल्ट रोक सकते हैं। उसे ऑनलाइन कक्षा से भी वंचित नहीं किया जा सकता। जिन बच्चों की फीस जमा नहीं की गई है, उनकी फीस अभिभावक मार्च से सितंबर तक छह किस्तों में जमा कर सकते हैं। साथ ही कोरोना काल में निजी स्कूलों को सिर्फ शिक्षण शुल्क लेने के आदेश दिए गए हैं, लेकिन वे पूरी फीस वसूल रहे हैं।
केस-1
अभिभावक शैलेंद्र दुबे ने जिला शिक्षा अधिकारी के पास शिकायत की है कि विंध्याचल अकादमी में कक्षा नौवीं व ग्यारहवीं में उनके दो बच्चे पढ़ते हैं। दोनों बच्चों की फीस जमा कर दी है, लेकिन पिछले साल का वार्षिक शुल्क जमा नहीं किया है, जिससे स्कूल ने रिजल्ट नहीं दिया। बच्चों को ऑनलाइन कक्षा से नहीं जोड़ रहे हैं।
केस-2
अभिभावक धीरेंद्र विश्वकर्मा ने शिकायत की है कि उनके दो बच्चे मदर टेरेसा स्कूल में पहली और चौथी में पढ़ाई कर रहे हैं। वे बच्चों की पूरी फीस जमा नहीं कर पाए हैं। इस पर स्कूल वाले न तो रिजल्ट दे रहे हैं और न ही अगली कक्षा में ऑनलाइन जोड़ रहे हैं।
केस-3
भूतपूर्व सैनिक कांता कुमार यादव ने सीएम हेल्पलाइन से लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर शिकायत की है कि उनके दो बच्चे छठवीं व नौवीं कक्षा में है। दोनों बच्चों की फीस जमा कर दी है, लेकिन वार्षिक शुल्क जमा नहीं होने के कारण स्कूल ने रिजल्ट नहीं दिया है। बच्चों को ऑनलाइन कक्षा से भी नहीं जोड़ा जा रहा है।
शासन का स्पष्ट आदेश है कि फीस के कारण पढ़ाई नहीं रुकेगी। ऐसे कई मामले आए हैं, जिस पर कार्रवाई की गई है। आगे भी ऐसे मामलों में जांच कर कार्रवाई करेंगे।
- नितिन सक्सेना, जिला शिक्षा अधिकारी