भोपाल। एक नवंबर को प्रदेश के स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ जिला सरकार मॉडल को लागू किए जाने की घोषणा कर सकते हैं।
मसौदा तैयार करके भेज दिया
जानकारी के अनुसार योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग ने जिला सरकार का मसौदा तैयार करके मुख्य सचिव कार्यालय को भेज दिया है। मैग्निफिसेंट एमपी के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि जिला सरकार में प्रभारी मंत्री पॉवरफुल होंगे। दो करोड़ रुपए तक के कामों को जिले में ही मंजूरी मिल जाएगी।
दिग्विजय सरकार ने किया था लागू
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश की दिग्विजय सरकार ने सत्ता के विकेंद्रीकरण के लिए जिला सरकार मॉडल लागू किया था। भाजपा ने इसका विरोध करते हुए 2003 में विधानसभा चुनाव लड़ा और सत्ता में आते ही इस मॉडल को बंद कर दिया। जिला योजना समितियों के अधिकार भी बेहद सीमित कर दिए गए।
जिला योजना समितियों को ताकतवर बनाने का लक्ष्य
मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार आने के बाद एक बार फिर जिला योजना समितियों को ताकतवर बनाने की दिशा में काम शुरू हो गया है।
उल्लेखनीय है कि जिला सरकार के माध्यम से इस समिति को कई अधिकार दिए जा रहे हैं। इस मामले में सूत्रों का कहना है कि योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग ने जो मसौदा मुख्य सचिव को भेजा है, उसमें हर ब्लॉक को अलग से विकास के लिए फंड देने की बात की गई है।
तबादले के अधिकार भी जिला सरकार को
जानकारी के अनुसार अब जिले के भीतर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले के अधिकार भी जिला सरकार को होंगे। इसके साथ ही जिला योजना समिति का आकार भी बढ़ाया जाएगा। जिला योजना समिति में जिले के विकास की पूरी योजना बनेगी। जनप्रतिनिधियों की शिकवा-शिकायतों का निराकरण होगा। विधायक, जिला व जनपद पंचायत के साथ नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों की सुनवाई न होने की आपत्ति का निराकरण भी हो जाएगा।
Posted By: Hemant Upadhyay
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