
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। प्रख्यात न्यूरोलाजिस्ट पद्मश्री डॉ. एमवी पद्मा श्रीवास्तव ने कहा कि वायु प्रदूषण ने हार्ट अटैक व ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ाया है। अनुसंधान में यह बात साबित हो चुकी है। दुनिया के उन पांच देशों में भारत भी शामिल है, जो प्रदूषणजनित बीमारियों से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
उन्होंने कहा कि इससे शुगर होने की संभावना भी बहुत अधिक बढ़ रही है। डॉ. श्रीवास्तव शनिवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित हृदय रोग, डायबिटीज और क्लीनिकल शिक्षा के राष्ट्रीय सम्मेलन सीडीईई और सीसीकोन-2025 में शामिल होने पहुंची थीं।
नईदुनिया से विशेष बातचीत में डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि ब्रेन हमारा सुपर कंप्यूटर है, अगर यह काम नहीं करेगा तो जिंदगी रुक जाएगी। हार्ट अटैक में खून का बहाव बंद होता है तो मरीज को बचने के लिए लगभग छह घंटे का समय मिलता है, लेकिन ब्रेन स्ट्रोक की स्थिति में केवल तीन घंटे समय होते हैं। इसलिए हार्ट से कहीं ज्यादा ब्रेन का ख्याल रखना जरूरी है।
भारत में हर साल 18 मिलियन से 20 मिलियन तक ब्रेन स्ट्रोक के मामले सामने आ रहे हैं, जिसका मतलब है कि हर 30 सेकंड में एक व्यक्ति को स्ट्रोक आ रहा है, लेकिन इसके कई रूपों में आने के कारण लोगों को पता नहीं चल पाता। स्ट्रोक के कुछ ही मिनटों में मरीज अपाहिज हो सकता है। इस राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन प्रदेश के सहकारिता व खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग ने किया।
डॉ. पंकज मनोरिया ने डायबिटीज और हार्ट अटैक से बचने तथा 80 वर्ष तक स्वस्थ रहने के लिए '80 का मूल मंत्र' दिया। कहा कि कमर का घेरा 80 सेमी, नीचे का ब्लड प्रेशर 80 एमएम एचडी, एलडीएल कोलेस्ट्राल 80 एमजी, हृदय की धड़कन 80/मिनट, स्वयं को रोजाना दें 80 मिनट, मुस्कुरायें (एक माह में) 80 बार, धूम्रपान करने वालों से 80 मीटर दूरी रखें।