अंजली राय, नईदुनिया, भोपाल। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की मनमानी रोकने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने हमारे शिक्षक मोबाइल एप के जरिए ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य किया था। सत्र शुरू होने के तीन महीने बाद योजना फेल होती नजर आ रही है, क्योंकि आधे शिक्षक-प्राचार्य हाजिरी नहीं लगा रहे हैं। अब विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। पहले चरण में एक हजार प्राचार्यों को कारण बताओ नोटिस जारी हुआ है। जवाब संतोषजनक नहीं मिला, तो उनकी वेतनवृद्धि रोकी जा सकती है।
लोक शिक्षण संचालनालय के रिकॉर्ड से पता चला है कि प्रदेश के तीन लाख 62 हजार शिक्षकों में से केवल एक लाख 20 हजार ही ऑनलाइन उपस्थिति लगा रहे हैं। ऑनलाइन हाजिरी लगाने वालों में 52 फीसद शिक्षक, 51 फीसद प्राचार्य और सबसे अधिक 90 फीसद अतिथि शिक्षक शामिल हैं। अब ऑनलाइन उपस्थिति नहीं लगाने और अवकाश संबंधी जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर नहीं देने के कारण करीब एक हजार प्राचार्यों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
बता दें, स्कूल शिक्षा विभाग का हमारे शिक्षक एप ऑनलाइन ट्रैकिंग के लिए बनाया गया है। शिक्षकों को स्कूल पहुंचते ही अपने मोबाइल से सेल्फी लेकर इस एप पर अपलोड करना है। स्कूल छोड़ते समय भी उपस्थिति की यह प्रक्रिया दोहरानी है।
भोपाल संभाग के आठ हजार 391 में से पांच हजार 755 प्राचार्य उपस्थिति लगा रहे हैं। संभाग के 123 प्राचार्यों से ऑनलाइन हाजिरी नहीं लगाने का कारण पूछा है।
उज्जैन संभाग के आठ हजार 749 प्राचार्यों में से दो हजार 884 नियम का पालन कर रहे हैं। यहां 147 प्राचार्यों को नोटिस दिया गया है।
सागर संभाग के 135 और रीवा संभाग के 54 फीसद प्राचार्य ऑनलाइन हाजिरी लगा रहे हैं। यहां पर 157 प्राचार्यों को नोटिस जारी किया गया है।
ऑनलाइन हाजिरी लगाने में प्राचार्य रुचि नहीं ले रहे हैं। इस कारण प्राचार्यों को नोटिस दिया गया है, ताकि वे खुद और शिक्षकों की भी उपस्थिति लगवाएं- अरविंद चौरगड़े, संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय।