MP में मेडिकल स्टूडेंट्स की कॉपी घर से नहीं जांच पाएंगे मूल्यांकनकर्ता, कॉलेजों में बनेंगे केंद्र
मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने मेडिकल परीक्षाओं में पारदर्शिता और समयबद्ध मूल्यांकन के लिए नया सिस्टम लागू किया है। अब उत्तरपुस्तिकाओं की जांच मूल्यांकनकर्ताओं के घर नहीं, विशेष मूल्यांकन केंद्रों में होगी। स्कैन की गई कॉपियां ऑनलाइन भेजी जाएंगी ताकि गड़बड़ी और देरी से बचा जा सके।
Publish Date: Tue, 20 May 2025 06:13:36 PM (IST)
Updated Date: Tue, 20 May 2025 11:40:50 PM (IST)
आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने मेडिकल परीक्षाओं में पारदर्शिता के लिए नया सिस्टम लागू किया है। (फाइल फोटो)HighLights
- मेडिकल कॉपी घर पर जांचने पर रोक
- मूल्यांकन केंद्र कॉलेजों में बनेंगे
- स्कैन कॉपियां ऑनलाइन भेजी जाएंगी
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने मेडिकल पाठ्यक्रमों की परीक्षाओं में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए नई व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है।
अब विद्यार्थियों की कॉपियों का मूल्यांकन मूल्यांकनकर्ताओं के घर पर नहीं, बल्कि प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में बनाए जाने वाले विशेष मूल्यांकन केंद्रों में होगा। कॉपियों को स्कैन कर इन केंद्रों पर ऑनलाइन भेजा जाएगा, जहां प्रशिक्षित मूल्यांकनकर्ता उनकी जांच करेंगे। इस कदम से मूल्यांकन में गड़बड़ी और देरी की शिकायतों को खत्म करने की कोशिश की जा रही है।
पारदर्शिता की पहल
- पहले घर पर कॉपियों के मूल्यांकन के दौरान यह आशंका रहती थी कि मूल्यांकनकर्ता किसी अन्य व्यक्ति से जांच करा सकते हैं या लापरवाही बरत सकते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए विश्वविद्यालय ने मूल्यांकन केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे कार्यपरिषद की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
ये केंद्र एमबीबीएस, बीएएमएस, बीएचएमएस, एमडी-एमएस सहित अन्य मेडिकल पाठ्यक्रमों की कॉपियों के मूल्यांकन के लिए बनाए जाएंगे। प्रत्येक केंद्र में 20 कंप्यूटर लगाए जाएंगे, और सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों की कॉपियां यहीं जांची जाएंगी। समय और गुणवत्ता पर जोर
- नई व्यवस्था के तहत परीक्षा के दिन ही कॉपियों को स्कैन कर मूल्यांकन केंद्रों पर भेजा जाएगा। मूल्यांकनकर्ताओं की ड्यूटी पहले से तय होगी, जिससे प्रक्रिया में तेजी आएगी।
- इस व्यवस्था से मूल्यांकन समय पर पूरा होगा, और विद्यार्थियों को परिणाम के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। पहले परीक्षा और मूल्यांकन में देरी से विद्यार्थियों का एक साल बर्बाद हो जाता था, लेकिन अब यह समस्या हल होने की उम्मीद है।