नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। आबकारी विभाग ने तय कीमत से अधिक दामों पर शराब बेचने वाले ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। पिछले दिनों 15 जिलों के 106 लाइसेंसी शराब दुकानों पर करीब दो करोड़ 31 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। प्रदेश में एक अप्रैल से नये ठेके होने के बाद से दुकानदार मनमानी कीमतों पर शराब बेच रहे हैं, जिनकी शिकायतें भी आबकारी अधिकारियों को लगातार मिल रही हैं।
यह मामला उच्च न्यायालय तक पहुंच गया और न्यायालय ने सरकार व विभाग से पूछा था कि एमआरपी से महंगी शराब क्यों बेची जा रही है? इसी के बाद से आबकारी विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। आबकारी विभाग को पिछले दिनों एक खरीदार ने शिकायत की थी कि बरखेड़ी में दुकान पर महंगी शराब बेची जा रही है। इससे टीम के एक सदस्य को 500 का नोट देकर शराब खरीदने भेजा।
एक टीम दुकान के आसपास तैनात रही, जिसके पास उस नोट का नंबर और फोटो था। सेल्समैन ने उसे 450 रुपये की शराब 460 रुपये में दी। इस बीच टीम दुकान पर पहुंची और नोट जब्त कर टेस्ट परेचज का पंचनामा बनाया। एक अन्य पंचनामा भी बनाया गया, जिस पर सेल्समैन के हस्ताक्षर थे। विभाग ने दुकान संचालक को नोटिस थमा दिया था, इसी तरह सभी जगह कार्रवाई की जा रही है।
आबकारी विभाग ने महंगी शराब की कीमतों पर नियंत्रण लगाने के लिए लाइसेंसी दुकानों पर क्यूआर कोड लगाने के निर्देश दिए हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक अब तक 50 हजार से अधिक लोगों ने क्यूआर कोड से भुगतान कर शराब खरीदी है। खरीदार पीयुष गिरी ने बताया कि शहर में शराब ठेकेदारों की मोनोपाली चल रही है। इस कारण वे एमआरपी से ज्यादा दरों पर शराब बेच रहे हैं। दुकान वालों से इस बारे में बात की जाती है, तो उनका कहना होता है कि जहां एमआरपी पर बिक रही है, वहां से खरीद लो। अन्य दुकानें दूर होने के कारण महंगी शराब खरीदनी पड़ती है।
जिला - लाइसेंसी- जुर्माना राशि
जिन शराब दुाकनों द्वारा तय एमआरपी से ज्यादा और एमएसपी से कम पर शराब बेची जा रही है। उन्हें नोटिस देने के साथ ही जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जा रही है।
- वीरेंद्र सिंह धाकड़, सहायक आबकारी आयुक्त