भोपाल के आर्य समाज मंदिर को 'मंदिर' नहीं मानता आबकारी विभाग, मानवाधिकार आयोग ने जताई आपत्ति
MP News: शिकायतकर्ता विवेक त्रिपाठी की ओर से शराब की दुकान से 50 मीटर से भी कम दूरी पर आर्य समाज का मंदिर होने के तर्क को भी आबकारी विभाग ने गंभीरता से नहीं लिया है। इस पर आपत्ति जताते हुए कानूनगो ने कहा है कि आबकारी विभाग का तर्क अनुचित है।
Publish Date: Sun, 12 Oct 2025 09:42:19 PM (IST)
Updated Date: Sun, 12 Oct 2025 09:42:19 PM (IST)
भोपाल के आर्य समाज मंदिर को 'मंदिर' नहीं मानता आबकारी विभाग (सांकेतिक तस्वीर)राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। भोपाल में सोम ग्रुप की ओर से अरेरा कॉलोनी के आवासीय भूखंड में संचालित अवैध शराब की दुकान के खिलाफ सात माह से कई शिकायतों के बावजूद कार्रवाई न किए जाने को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है। शिकायतकर्ता विवेक त्रिपाठी की ओर से शराब की दुकान से 50 मीटर से भी कम दूरी पर आर्य समाज का मंदिर होने के तर्क को भी आबकारी विभाग ने गंभीरता से नहीं लिया है।
मामले को आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन को कार्रवाई करने के निर्देश दिए, लेकिन आबकारी विभाग की ओर से प्रस्तुत किए गए जांच प्रतिवेदन में लिखा है कि उनके नियम के अनुसार आर्य समाज मंदिर को मंदिर नहीं माना जा सकता है, इसलिए शराब दुकान यथावत रहेगी।
कानूनगो ने क्या कहा?
इस पर आपत्ति जताते हुए कानूनगो ने कहा है कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने हिंदुओं के वैदिक संस्कार आयोजित किए जाने के लिए देश भर में आर्य समाज मंदिरों की स्थापना की। ऐसे में, उसे मंदिर न मानने का आबकारी विभाग का तर्क अनुचित है। इस मामले को प्रमुखता से उठाया जाएगा।