भोपाल (नवदुनिया रिपोर्टर)। पोषण अभियान को जन-आंदोलन बनाने की आवश्यकता है। इस अभियान से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने की जरूरत है, ताकि इससे संबंधित भ्रांतियों को भी दूर किया जा सके। कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए शासन की योजनाओं के साथ-साथ समाज का साथ भी बहुत जरूरी है। यह बात महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक स्वाति मीणा ने पीआइबी और आरओबी, भोपाल द्वारा 'वर्तमान समय और पोषण अभियान का महत्व' विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि पोषण अभियान में मिशन मोड पर काम हो रहा है और इसके परिणाम भी दिखने लगे हैं। कुपोषण का मुद्दा सामाजिक, आर्थिक और लैंगिक विषमता से भी जुड़ा है। समाज में महिलाओं को सही पोषण देना अब भी प्राथमिकता में नहीं है। जरूरत है कि इस सोच को बदला जाए।
भोजन में प्रोटीन की मात्रा हो अधिक: अमिता सिंह
वेबिनार में आहार विशेषज्ञ अमिता सिंह ने कहा कि कोरोना काल में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखने के लिए संतुलित आहार लेना बहुत जरूरी है। इसके लिए सही मात्रा में प्रोटीन सहित अन्य आवश्यक तत्व भोजन में शामिल किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर हमारे आहार में प्रोटीन की काफी कमी देखी जाती है। हमें खाने में दालों को शामिल करने की जरूरत है। दूध भी दिन में दो बार किसी न किसी रूप में लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि खाने में विटामिन सी के साथ-साथ मौसमी सब्जियों को जरूर शामिल करें।
वेबिनार के दौरान यूनिसेफ के पोषण विशेषज्ञ डॉ. समीर पवार ने कहा कि बच्चों के विकास के लिए शुरुआती एक हजार दिन बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। इस समय में बच्चों की विकास की गति सबसे तेज होती है और मस्तिष्क का सबसे ज्यादा विकास होता है। इसलिए बच्चों को संतुलित पोषण आहार देने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। पीआइबी, भोपाल के अपर महानिदेशक प्रशांत पाठराब, उप निदेशक एमवी कृष्णा प्रसाद, यूनिसेफ के संचार विशेषज्ञ अनिल गुलाटी ने भी पोषण अभियान के बारे में प्रकाश डाला। वेबिनार में बड़ी संख्या में महिलाओं एवं बच्चों ने भी हिस्सा लिया।