नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। सोशल मीडिया पर रील बनाने और उसको लोकप्रियता बढ़ाने की गणित ने परिवार का रसायनशास्त्र बिगाड़ दिया है। रीलबाज जोड़ीदार की वजह से परिवार में हितों का टकराव बढ़ रहा है। रीलबाज जोड़ीदार जहां इसे स्वतंत्र अभिव्यक्ति और आर्थिक आत्मनिर्भरता का माध्यम बता रहा है, वहीं गृहस्थी का दूसरा साझीदार इस सार्वजनिक प्रदर्शन से असहज है, या पारिवारिक-सामाजिक मूल्यों के खिलाफ बता रहा है।
ऐसे में मामला परिवार, रिश्तेदारों की पंचायत से निकलकर न्यायालय की चौखट तक पहुंच रहे हैं। भोपाल कुटुंब न्यायालय में पिछले दिनों ऐसे ही दो मामलों में दंपती की काउंसलिंग शुरू हुई है। काउंसलर्स का कहना है कि ऐसे कई मामले हैं, जिनमें सोशल मीडिया, रील्स, लाइक और फालोअर्स की चाहत में पति-पत्नी के बीच विवाद हो रहे हैं, जो मनमुटाव के साथ-साथ तलाक की वजह भी बन रहे हैं।
काउंसलर्स का कहना है कि कुटुंब न्यायालय में जितने केस आ रहे हें उसमें 60 फीसद रील्स और सोशल मीडिया के आ रहे हैं। कुछ मामलों में पति-पत्नी के बीच काउंसलिंग कराकर समझाया जाता है, लेकिन कुछ रील्स और सोशल मीडिया को ही सबकुछ मान रहे हैं। उनको समझाना तक मुश्किल हो रहा है।
सरकारी विभाग में अधिकारी पति ने कुटुंब न्यायालय में आवेदन दिया है। उनका कहना है कि उनकी पत्नी दिनभर रील बनाती रहती है और घर-परिवार पर बिल्कुल ध्यान नहीं देती है। खुद तो बनाती है और चाहती है कि मैं भी उसके साथ रील में शामिल रहूं। घर की सभी बातें वह सोशल मीडिया पर डाल रही है, जो मुझे पसंद नहीं है और मुझे एक्टिंग नहीं आती है। उसके सोशल मीडिया फीवर से परेशान हो गया हूं। एक बेटा है। वह स्कूल चला जाता है। उसके बाद उसका पूरा समय ऑनलाइन शापिंग कर ड्रेस मंगवाना और रील्स बनाना जाता है। मैं ऐसे विभाग में पदस्थ हूं, जहां सोशल मीडिया पर इस तरह का प्रदर्शन सेवा नियमों की मर्यादा के खिलाफ है। अगर पत्नी रील बनाने से बाज नहीं आई तो उसके साथ रहना मुश्किल होगा।
एक मामले में ससुराल के लोगों को बहू की रीलबाजी का पता नहीं था। एक दिन पड़ोसन से उसकी सास को बहू के वेस्टर्न ड्रेस में रीलबाजी के वीडियो दिखाए। ससुराल वालों ने बहू को रील बनाने से मना किया, लेकिन बहू ने आर्थिक स्वतंत्रता का हवाला देकर मना कर दिया। उसका कहना है कि उसके सब्सक्राइबर और फालोवर्स बहुत है, इस कारण वह रील बनाना नहीं छोड़ सकती है। विवाद बढ़ा तो बहू मायके चली गई है। तलाक तक की नौबत आ गई है। पति का कहना है कि उसने उसे सोशल मीडिया पर भी हाइड कर रखा है। इस कारण वह भी नहीं जान पाया कि वह रील बनाती है।
आजकल तलाक के जितने मामले आ रहे हैं। उसमें 60 प्रतिशत मामलों में मनमुटाव का कारण सोशल मीडिया है। पत्नियों के रील बनाने की आदत के कारण दोनों में विवाद बढ़ने लगते हैं और तलाक तक की नौबत आ जाती है। अभी दो मामले आए हैं, जिनमें काउंसलिंग चल रही है। - शैल अवस्थी, काउंसलर, कुटुंब न्यायालय