नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। इंदौर के राजा रघुवंशी की हत्या और पत्नी सोनम रघुवंशी (Sonam Raghuvanshi) पर लगे आरोप का असर पारिवारिक विवादों पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है। कुटुंब न्यायालय में ऐसे कई मामले आए हैं जिसमें पतियों ने इस मामले का जिक्र किया है। पतियों ने पत्नी पर एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर का आरोप लगाते हुए गुहार लगाई है कि उन्हें पत्नी से तलाक दिलवाया जाए। कहीं उनका हाल भी राजा रघुवंशी की तरह न हो जाए। बीते एक माह में ऐसे पांच मामले सामने आए हैं, जिसमें पति ने इस प्रकरण का जिक्र किया है।
कई मामले तो सहमति से संबंध विच्छेद के भी आए हैं, जिसमें पति या पत्नी के विवाहेतर संबंध ही प्रमुख कारण हैं। कुटुंब न्यायालय की काउंसलर का मानना है कि अभी दंपती के बीच काउंसलिंग के दौरान कई मामलों में पतियों का कहना है कि उन्हें राजा रघुवंशी की तरह अपना हाल नहीं करना है, अगर पत्नी रहना नहीं चाहती है तो वे अलग होने के लिए तैयार हैं। इन मामलों में दोनों पक्षों से बातचीत की जा रही है।
निजी क्षेत्र में नौकरी करने वाले दंपती की शादी के पांच साल बाद ही पति ने तलाक मांगा है। काउंसलिंग के दौरान पति ने कहा कि पत्नी फोन पर किसी से घंटों बात करती रहती है। उसका घर-परिवार पर बिल्कुल ध्यान नहीं है। ऐसे में वह उसके साथ नहीं रहना चाहता है।
वह तलाक लेकर अपनी जिंदगी नए सिरे से शुरू कर सकती है। उसने कहा कि उसे राजा रघुवंशी की तरह मरना नहीं है, बल्कि उसे अपने परिवार के लिए जीना है। वहीं पत्नी का कहना है कि वह पति के साथ ही रहना चाहती है।
बैंक में अधिकारी पति ने विवाह के एक साल बाद ही पत्नी से तलाक के लिए आवेदन किया है। काउंसलिंग में पति ने बताया कि उसकी शादी के बाद से पत्नी अधिकतर समय मायके में ही रहती है। पत्नी एक कंपनी में एचआर है, उसे शक है कि उसका पहले से अफेयर है।
इस कारण वह मेरे साथ आकर नहीं रहती है। पति ने कहा कि जब साथ रहना ही नहीं है तो फिर इस शादी के बंधन में बंधकर रहने का कोई फायदा नहीं है। वह अपना हाल राजा की तरह नहीं करना चाहता है। पत्नी अपनी इच्छा अनुसार जीवन व्यतीत कर सकती है।
राजा और सोनम के मामले के बाद पतियों का नजरिया बदला है। आजकल विवाहेतर संबंध के कारण जितने मामले सामने आ रहे हैं। इसमें पति समझौता नहीं तलाक लेने पर अड़े हैं। पतियों के मन में इस घटना क बाद से डर बैठ गया है। - नुरुन्निशां खान काउंसलर, कुटुंब न्यायालय