मध्य प्रदेश के पांच चिकित्सा महाविद्यालयों में कैंसर रोगियों के लिए लगेंगी लिनियर एक्सलरेटर मशीन
ये मशीनें पीपीपी मोड पर स्थापित की जाएंगी। एक साल के भीतर इनके जरिए सिकाई की सुविधा शुरू हो जाएगी।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Tue, 09 Feb 2021 07:47:15 AM (IST)
Updated Date: Tue, 09 Feb 2021 08:16:06 AM (IST)

भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। कैंसर के मरीजों के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश के पांच शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में कैंसर रोगियों की सिकाई के लिए लिनियर एक्सलरेटर मशीनें लगाई जाएंगी। यह मशीनें पीपीपी मोड पर स्थापित की जाएंगी। एक साल के भीतर सिकाई की सुविधा शुरू हो जाएगी। मशीनें लगाने के लिए जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। अभी एम्स समेत प्रदेश के किसी भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में यह सुविधा नहीं है। ऐसे में कैंसर के मरीजों को निजी अस्पतालों में जाकर सिकाई कराना पड़ रही है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में जांच और इलाज की सुविधाएं भी बढ़ाना जरूरी है। लिनियर एक्सलरेटर अत्याधुनिक मशीन है। इससे सिकाई करने पर सिर्फ कैंसर वाली कोशिकाएं ही खत्म होती हैं। अन्य कोशिकाओं और टिश्यू को कोई नुकसान नहीं होता है।
चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अफसरों ने बताया कि इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और रीवा में यह सुविधा शुरू की जाएगी। कैबिनेट से मंजूरी के बाद मशीनें लगाने के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे। इन पांच मेडिकल कॉलेजों में से तीन जगह मशीन लगाने के लिए कक्ष भी पहले से तैयार हैं। बता दें कि लिनियर एक्सलरेटर लगाने के लिए विशेष कक्ष बनाए जाते हैं। लेड की मोटी दीवार बनाई जाती है, जिससे रेडिएशन बाहर न जा सके।
निजी अस्पतालों में 60 हजार रुपए तक खर्च होते हैं
गांधी मेडिकल कॉलेज के एक चिकित्सक ने बताया कि लिनियर एक्सलरेटर से सिकाई कराने पर कि अस्पताल में कम से कम 19000 और अधिकतम 60000 रुपये तक खर्च होते हैं। यह सुविधा शुरू होने से आयुष्मान भारत योजना के मरीजों को भी फायदा मिलेगा।