नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। शराब ठेका फर्जीवाड़ा मामले में आबकारी विभाग के पूर्व उपायुक्त विनोद रघुवंशी को शाहपुरा पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वर्ष 2003 में उन्होंने एक फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए पार्टनरशिप डीड में छेड़छाड़ कर एक पार्टनर का नाम फर्म से हटा दिया था।
इस मामले में भोपाल कोर्ट ने उन्हें दोषी मानते हुए दो महीने पहले चार साल की सजा सुनाई थी। उनके खिलाफ कोर्ट द्वारा अरेस्ट वारंट जारी किया गया था। शुक्रवार को शाहपुरा पुलिस ने पारस मैजिस्टिक कॉलोनी स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया। साथ ही कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।
फर्जी डीड लगाने के इस मामले में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 2023 में विनोद रघुवंशी को तीन साल की सजा सुनाई थी। सजा के खिलाफ विनोद अपीलीय कोर्ट में गए थे, जहां सुनवाई के बाद दो महीने पहले उन्हें चार साल की सजा और दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।
पांच मार्च 2002 को अजय अरोरा ने अशोक ट्रेडर्स फर्म में हिस्सेदारी ली थी, जिसकी पार्टनरशिप डीड तैयार की गई थी। इसी वर्ष फर्म ने आबकारी के ठेके की नीलामी में हिस्सा लिया। आबकारी विभाग ने नीलामी स्वीकार कर फर्म को ठेका आवंटित कर दिया। लेकिन तब विनोद रघुवंशी और ओपी शर्मा ने धोखाधड़ी कर मार्च 2003 की नकली पार्टनरशिप डीड तैयार कर अजय को हिस्सेदारी से बाहर कर दिया। आरोपितों ने फर्म के अन्य पार्टनर को लाभ पहुंचाने के लिए भोपाल आबकारी कार्यालय के रिकार्ड में अजय का नाम हटाकर नकली पार्टनरशिप डीड लगा दी थी।