राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में वोट चोरी को लेकर कांग्रेस अभियान चला रही है। यह दावा किया जा रहा है कि मतदाता सूची में पात्र लोगों के नाम काटकर गड़बड़ी की जा रही है। इस बीच मध्य प्रदेश में पार्टी युवा कांग्रेस के चुनाव में अपने वोट नहीं बचा पाई।
साढ़े चार लाख वोट निरस्त हो गए यानी सदस्यता में फर्जीवाड़ा हुआ था। वहीं, पांच लाख वोटों को स्थगित रखा है क्योंकि इनके द्वारा पात्रता संबंधी दस्तावेज नहीं दिए गए। अब इन्हें सुधार करवाने के लिए नौ से 19 अक्टूबर तक का समय दिया गया है।
यदि इस अवधि में वोट डालने वालों ने जन्मतिथि, मतदाता परिचय पत्र और रिश्तेदारों से जुड़ी जानकारी दे दी और वह सत्यापित हो गई तो ही उनके वोट परिणाम में जोड़े जाएंगे। परिणाम नवंबर के दूसरे सप्ताह तक घोषित हो सकते हैं।
विक्रांत भूरिया के झाबुआ सीट से विधायक बनने से बाद उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया था। तब वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर ग्वालियर के मितेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया गया था। इसके लगभग एक वर्ष बाद चुनाव कराए गए। इस वर्ष 20 जून से 19 जुलाई तक सदस्यता अभियान चला।
पारदर्शिता के लिए सदस्यता के साथ ही एक साथ छह पदों (प्रदेश अध्यक्ष, महासचिव, जिला अध्यक्ष, महासचिव, ब्लाक और विधानसभा अध्यक्ष) के लिए आनलाइन मतदान कराया गया। सदस्यता 15,37,527 लोगों ने ली। 63,153 ने 50 रुपये का सदस्यता शुल्क जमा नहीं किया, इसलिए वे बाहर हो गए। जो 14,74,374 बचे थे, उनमें से भी 4.63 लाख के वोट निरस्त हो गए क्योंकि इन्होंने लाइव फोटो, एक मिनट का वीडियो या अंकसूची जो आयु प्रमाणित करती, नहीं थे।
वहीं, 5.10 लाख वोट स्थगित कर दिए। इसके पीछे आधार दस्तावेजों की कमी को बताया गया। जहां कांग्रेस है, वहां घोटाला तय है- वैभव पवार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वैभव पवार ने इस गड़बड़ी पर कहा कि राहुल गांधी जब अपनी ही पार्टी में निष्पक्ष चुनाव नहीं करा सकते, फिर देश की संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठाने का अधिकार उन्हें किसने दिया? जहां कांग्रेस है, वहां घोटाला तय है।
उधर, प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी का कहना है कि हमारे यहां पारदर्शी व्यवस्था है, इसलिए ही यह बात सामने आई कि कितने वोट निरस्त हो गए और कितने स्थगित हैं। हमने गड़बड़ी रोकी है और भाजपा की वोट चोरी को भी रोकेंगे।