नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। इटारसी-भोपाल-बीना सेक्शन में चौथी रेल लाइन बिछाने की महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी मिल गई है। यह परियोजना लगभग 237 किलोमीटर लंबी है और इसे अगले चार वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसकी कुल लागत 4,329 करोड़ रुपये होगी। यह रेल मार्ग उत्तर, मध्य और दक्षिण भारत को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण कॉरिडोर है, जिस पर वर्तमान में यात्रियों और मालगाड़ियों का भारी दबाव है। इस नई लाइन के निर्माण से ट्रेनों की आवाजाही सुगम होगी, समय की बचत होगी और मालगाड़ियों की क्षमता में भी वृद्धि होगी।
अधिकारियों ने बताया कि इसके बन जाने से प्रतिवर्ष 15.2 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई की क्षमता बढ़ेगी। इससे कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन में 32 करोड़ किग्रा प्रति वर्ष की कमी आएगी, जो लगभग 1.3 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। इस लाइन से लगभग 6.4 करोड़ लीटर डीजल हर साल बचेगा। इन उपायों से लाजिस्टिक लागत में 719 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की बचत होगी।
यह परियोजना मप्र के यात्रियों और व्यापार दोनों को फायदा देगी। यह रेललाइन रायसेन, सागर, विदिशा, भोपाल, सीहोर और नरसिंहपुर (नर्मदापुरम) जिलों से होकर गुजरेगी। विदिशा जिला इस परियोजना के तहत एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट के रूप में शामिल है।
यह परियोजना मुख्य रेलमार्ग पर क्षमता संबंधी बाधाओं को दूर करेगी और उत्तर-दक्षिण रेल यातायात को सुचारू बनाएगी। दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद के बीच यात्रियों की आवाजाही आसान होगी। क्षेत्र के थर्मल पावर प्लांट, स्टील प्लांट, कोयला खदानें और लाजिस्टिक्स हब बेहतर कनेक्टिविटी प्राप्त करेंगे। यह रेल लाइन सांची, भीमबेटका (यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल), उदयगिरि गुफाएं, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और पचमढ़ी जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों को जोड़कर पर्यटन को बढ़ावा देगी।
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